प्रयागराज। जिले में महाकुंभ से पहले ‘सनातन बोर्ड’ (Sanatan Board) के गठन की मांग तेज हो गई है। इसको लेकर साधु-संतों की बड़ी बैठक होने वाली है। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि महाकुंभ में प्रमुख संतों और ऋषियों की एक सभा में ‘सनातन बोर्ड’ (Sanatan Board) के गठन का प्रस्ताव मंजूर किया जाएगा और इसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा।
उन्होंने घोषणा की कि 26 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ के दौरान एक धर्म संसद आयोजित की जाएगी। इसमें देश भर के प्रमुख संत और ऋषि, जिनमें सभी चार पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल हैं, संगम पर एकत्र होंगे। उनकी अगुवाई में ‘सनातन बोर्ड’ के गठन का प्रस्ताव मंजूर होगा और फिर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने आगे कहा- हमारा लक्ष्य एक सुव्यवस्थित, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड की स्थापना करना है जो बिना किसी कमी के सनातन धर्म के सिद्धांतों को कायम रखे।
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अखाड़ा परिषद कई साल पहले से ही महाकुंभ की तैयारियां शुरू कर देता है। इस साल के महाकुंभ के लिए, तीन साल पहले से ही योजना शुरू कर दी गई थी, जिसमें भारत और विदेश से आने वाले भक्तों के लिए प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाना भी शामिल था।
उन्होंने कहा कि एक बार में 5,000 भक्तों को प्रसाद परोसने की व्यवस्था की गई है। महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा।