महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी हुई थी, जिसके बाद पहला अमृत स्नान (Amrit Snan) मकर संक्रांति के दिन और दूसरा मौनी अमावस्या के दिन किया गया था। इस दौरान प्रयाग संगम तट पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। अब तीसरा स्नान कल किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कोई भी काम शुभ मुहूर्त में करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। उसी तरह शुभ मुहूर्त में महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कहते है वहीं स्नान अगल अशुभ मुहूर्त में किया जाए तो इसका प्रभाव उल्टा पड़ सकता है और व्यक्ति को कष्ट भी भुगतना पड़ सकता है।
महाकुंभ तीसरे अमृत स्नान (Amrit Snan) का शुभ मुहूर्त
सोमवार, 3 फरवरी 2025 को तीसरा अमृत स्नान (Amrit Snan) होगा। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट से 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पवित्र संगम में स्नान स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके बाद भी लोग पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं।
तीसरे अमृत स्नान (Amrit Snan) के दिन राहुकाल का समय
सोमवार, 3 फरवरी 2025 के दिन राहुकाल का समय सुबह 8 बजकर 30 मिनट से लेकर 9 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, इसलिए इस अशुभ काल में संगम में अमृत स्नान (Amrit Snan) करने से बचें।
अमृत स्नान (Amrit Snan) के नियम
महाकुंभ के दौरान पवित्र संगम में डुबकी लगाते समय कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है। महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं। उसके बाद ही गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों को महाकुंभ में स्नान करना होता है। इसके आलावा स्नान करते समय 5 डुबकी जरूर लगाएं और मंत्रों का जाप करें, तभी स्नान पूरा माना जाता है। स्नान के समय साबुन या शैंपू का इस्तेमाल न करें। क्योंकि इसे पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला माना जाता है।