सनातन धर्म महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार में से एक वट सावित्री (Vat Savitri) का व्रत है। इसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस बार यह व्रत 26 मई को रखा जाएगा।
इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है और वट वृक्ष व्रत को पूर्ण करने के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है। इस वट वृक्ष की पूजा किए बिना यह व्रत पूरा नहीं माना जाता है, लेकिन शहरों में कई बार बरगद का पेड़ नहीं मिल पाता हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आप घर पर ही इस खास विधि से पूजा कर व्रत का फल प्राप्त कर सकती हैं।
बरगद का पेड़ ना मिले तो क्या करना चाहिए?
वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत के दिन पूजा करने के लिए बरगद का पेड़ ना मिले तो आप एक दिन पहले ही किसी से बरगद के पेड़ की टहनी मंगवा लें। और इसी पूजा कर सकती है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सकता है।
बरगद की टहनी ना मिले तो क्या करे?
अगर पूजा करने के लिए टहनी या डाली भी ना मिले, तो तुलसी के पौधे के पास पूजा का सारा सामान रखकर वट सावित्री व्रत के नियमों का पालन करते हुए तुलसी मैय्या से अपनी कामना करते हुए पूजन कर सकती हैं।