सनातन धर्म में इस साल की ज्येष्ठ अमावस्या यानी शनि जयंती (Shani Jayanti) के पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर न्यायप्रिय, कर्मफलदाता, सूर्यदेव और छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। इस विशेष दिन पर शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती और शनि के अन्य दोषों से राहत मिलती है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन, संयम और परिश्रम का पालन करते हैं, उन पर शनिदेव की विशेष कृपा बरसती है। आइए जानते हैं शनि जयंती (Shani Jayanti) की सही डेट, ग्रहों का लेखा-जोखा व व्रत के लाभ-
26 या 27 मई शनि जयंती (Shani Jayanti) कब?
पंडित मुकेश मिश्रा के अनुसार, शनि जयंती (Shani Jayanti) 27 मई, 2025 मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण होगा, जिस कारण इसका महत्व बढ़ गया है। शनि जयंती के दिन शनिदेव से संबंधित चीजों का दान करने का विशेष महत्व होता है।
सूर्य, बुध, शुक्र बनाएंगे राजयोग:
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंती (Shani Jayanti) पर शनिदेव देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में विराजमान रहेंगे। वहीं इस दिन सूर्य-बुध की युति वृषभ राशि में बनने से बुधादित्य योग बनेगा। सुख और वैभव के कारक ग्रह शुक्र उच्च राशि मीन में होंगे जिससे मालव्य राजयोग का निर्माण होगा। इसके अलावा शनि जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ त्रिपुष्कर राजयोग का निर्माण होगा।
शनि जयंती (Shani Jayanti) पूजन व व्रत लाभ
– इस दिन विधिपूर्वक शनिदेव की उपासना करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है।
– जीवन में आ रही विभिन्न बाधाएं और मानसिक तनाव दूर होते हैं।
– व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
– शनिदेव की कृपा से आकस्मिक दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों से रक्षा होती है।