नयी दिल्ली: थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति (Inflation) मई 2025 में मासिक आधार घट कर 0.39 प्रतिशत रही। अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत तथा पिछले साल मई में 0.39 प्रतिशत थी।
थोक मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) में पिछले छह माह से लगातार गिरावट दर्ज की गयी है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों को जारी किया। थोक महंगाई (Wholesale Inflation) 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई।इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी। खाने-पीने और जरूरत के सामानों की कीमत में कटौती करने के चलते महंगाई में कमी है। इससे पहले मार्च 2024 में थोक महंगाई दर 0.26 प्रतिसत रही थी। वहीं, अगर बात अप्रैल महीने की करें तो उसमें थोक महंगाई की दर 2.05 प्रतिशत से कम होकर 0.85 प्रतिशत पर गई थी।
ये चीजें हुईं सस्ती
खाने पीने के सामानों में कटौती करने का असर थोक महंगाई के आंकड़ों के तौर पर साफ देखा जा सकता है। खाने-पीने की चीजों (फूड इंडेक्स) की महंगाई 2.55% से घटकर 1.72% हो गई है। फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -2.18% से घटकर -2.27 रही है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 2.62% से घटकर 2.04 रही है।
रिटेल महंगाई (Retail Inflation) में भी कमी
थोक महंगाई के आंकड़ों से पहले सरकार की ओर से रिटेल महंगाई के आंकड़ें जारी किए गए थे। 12 जून को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई 2025 में भारत की रिटेल महंगाई घटकर 2.82% पर पहुंच गई, जो छह साल का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले मार्च 2019 में यह 2.86% थी। खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार कमी के कारण रिटेल महंगाई में नरमी आई है। अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% थी, जबकि मार्च में यह 3.34% रही, जो 67 महीने का सबसे निचला स्तर था। फरवरी से रिटेल महंगाई RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।