आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) के रुप में जाना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों की अवधि, जो शक्ति, देवी मां के नौ रूपों को समर्पित है। आषाढ़ नवरात्रि या गुप्त नवरात्रि जून या जुलाई के समय में आती है। इस दौरान लोग गुप्त साधना कर देवी मां को प्रसन्न करते हैं। वैसे नवरात्रि साल में कुल 4 बार आती है। चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, अश्विन गुप्त नवरात्रि।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की शुरूआत 26 जून, गुरुवार के दिन से हो रही है जो 4 जुलाई तक चलेंगे। इस गुप्त नवरात्रि के अवसर पर 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में देवी मां काली की आराधना की जाती है। साथ ही मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) से पहले जरूर कर लें यह महाउपाय इससे हर मुसीबत होगी दूर होती है। यहां पढ़ें 5 महाउपाय जो गुप्त नवरात्रि से पहले करें, जो आपको आने वाले दिनों में तरक्की दिला सकते हैं।
मुख्य द्वार पर गंगाजल
घर के मुख्य द्वार को गंगाजल से पवित्र करें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा हटती है। दरिद्रता, क्लेश और रोग दूर होते हैं। मंत्र: “ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।”
काली हल्दी की पूजा
शनिवार या अमावस्या से पहले काली हल्दी की पूजा करें। काली हल्दी पर सिंदूर लगाकर लाल कपड़े में बांधें और तिजोरी या धन स्थान पर रखें। धन वृद्धि, शत्रु नियंत्रण और व्यापार में सफलता का योग बनता है।
पीपल के पेड़ की पूजा
पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाएं (शनि, मंगलवार, शनिवार) विशेष रूप से शनि दोष, पितृ दोष, और अदृश्य बाधाओं से राहत मिलती है। शाम को सूरज ढलते समय यह उपाय करें।
पाठ
त्रिपुरसुंदरी कवच या दुर्गा सप्तशती के कवच का पाठ शुरू करें मानसिक, पारिवारिक और व्यावसायिक सुरक्षा मिलती है। 9 दिन तक प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करें।
चमेली के तेल का दीपक
चमेली के तेल का दीपक हनुमान जी के आगे जलाएं। ऐसा करने से भय, तंत्र बाधा और नजर दोष दूर होता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को लाभकारी।
शुभ मंत्र –ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे प्रतिदिन 108 बार जप करें।








