सावन महीने की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार दिल्ली-देहरादून हाईवे-58 पर पड़ने वाले कांवड़ मार्ग पर सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों और दुकानों पर नेम प्लेट अनिवार्य कर दिया है। उद्देश्य यह है कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों को यह जानकारी हो सके कि वे जिस दुकान पर भोजन कर रहे हैं, वह किसकी है।
सरकार के इस निर्देश पर प्रशासन सख्ती से अमल करवा रहा है। अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और दुकानदारों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। हाईवे पर ढाबा और रेस्टोरेंट चलाने वाले मुस्लिम दुकानदारों ने भी इस फैसले का खुले तौर पर समर्थन किया है। उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु शिवभक्त होते हैं, उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) में उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकानों, होटल और ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए हैं। मुजफ्फरनगर जिले के दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे 58 कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर नेम प्लेट अनिवार्य है।
सरकार के इस फैसले को लेकर दुकानदारों ने कहा कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर आते हैं। इसलिए जिस दुकान पर बैठकर वे खाना खाते हैं तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि वह किसकी दुकान है। मुस्लिम समुदाय के जो लोग अपने ढाबे चलाते हैं या दुकान लगाते हैं, उनका भी कहना है कि वह इस आदेश का पालन करेंगे और अपने होटल दुकानों पर नेम प्लेट लगाएंगे।
वहीं जब कावड़ियों से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि सरकार ने जो यह नेम प्लेट लगाने की पहल की है, वह बहुत अच्छी है, क्योंकि बहुत से लोग खाद्य पदार्थों की दुकान लगाकर कांवड़ियों का धर्म भ्रष्ट करने का काम करते हैं। जब प्रतिष्ठानों पर नेम प्लेट लगेगी तो शिव भक्तों को यह पता होगा कि वह किसकी दुकान पर बैठकर खा पी रहे हैं।