सितंबर 2025 में मृत्यु पंचक (MrityuPanchak) का समय शुरू होने जा रहा है, जो पंचांग के अनुसार, शनिवार, 6 सितंबर को सुबह 11 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर बुधवार, 10 सितंबर को शाम 4 बजकर 3 मिनट तक चलेगा। ज्योतिष में शनिवार के दिन पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है, जिसे सभी पंचकों में सबसे अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान कुछ खास काम करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों को करने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
क्या होता है पंचक (Panchak) ?
जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों से होकर गुजरता है, तो इस पांच दिन की अवधि को पंचक कहा जाता है। हिंदू धर्म में हर कार्य के लिए शुभ-अशुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ समय माना गया है, जिसमें कुछ खास कार्य करने की मनाही होती है। शनिवार से शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक ( Mrityu Panchak) कहा जाता है, जो बाकी पंचकों की तुलना में अधिक हानिकारक माना जाता है।
मृत्यु पंचक ( Mrityu Panchak) के दौरान कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए
लकड़ी या लकड़ी का सामान खरीदना या इकट्ठा करना
पंचक के दौरान लकड़ी, ईंधन या लकड़ी से बनी कोई भी वस्तु खरीदने या घर लाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है। अगर बहुत ज़रूरी हो तो किसी जानकार से सलाह ज़रूर लें।
घर की छत डालना या उसका निर्माण शुरू करना
पंचक के दौरान घर की छत डलवाने का काम शुरू करना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से उस घर में रहने वाले लोगों को गंभीर समस्याएं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
अंतिम संस्कार करना
पंचक के समय सबसे महत्वपूर्ण और गंभीर मनाही किसी का अंतिम संस्कार करना है। अगर इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है, तो अंतिम संस्कार करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी से सलाह लेना ज़रूरी है। शास्त्रों में पंचक काल में मृत व्यक्ति के साथ आटे से बने पांच पुतले रखकर अंतिम संस्कार करने का विधान है। माना जाता है कि ऐसा न करने पर परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पलंग या चारपाई खरीदना या बनाना:
पंचक के दौरान पलंग या चारपाई खरीदना या बनाना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं।
दक्षिण दिशा की यात्रा करना
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है और पंचक के समय इस दिशा में यात्रा करना हानिकारक हो सकता है। यदि यात्रा करना बहुत ज़रूरी हो, तो हनुमानजी का ध्यान करके ही निकलें।