ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश ATS ने ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से फरहान नबी सिद्दीकी (Farhan Nabi Siddiqui) नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग कासना स्थित एक निजी कंपनी के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने वाली किताबों को छापने और वितरण करने का काम कर रहे हैं। साथ ही इस काम के लिए विदेश से हवाला और अन्य गैरकानूनी माध्यमों से पैसे मिलने की जानकारी भी मिली थी।
जांच में सामने आया कि फरहान नबी सिद्दीकी (Farhan Nabi Siddiqui) , नासी तोर्बा और कुछ अन्य व्यक्तियों ने एम/एस इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, एम/एस हकीकत वक्फी फाउंडेशन, और एम/एस रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों के जरिए ‘हकीकत प्रिंटिंग प्रकाशन’ नाम के प्रिंटिंग प्रेस से ऐसी किताबें प्रकाशित की जा रही थीं, जो धार्मिक और सामाजिक समूहों के बीच उन्माद फैलाने वाली थीं।
एटीएस की जांच में यह भी पता चला कि इन कंपनियों को तुर्की और जर्मनी से हवाला के जरिए करोड़ों रुपये भेजे गए। फरहान नबी विदेशी नागरिकों को, विशेष रूप से तुर्की और जर्मनी से आने वाले लोगों को बिना किसी आधिकारिक सूचना के अपने परिसर में ठहराता था। इतना ही नहीं, फरहान पर अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशी नागरिकों को शरण देने के भी आरोप लगे हैं।
जांच में खुलासा हुआ कि फरहान और उसके सहयोगियों ने हवाला के जरिए मिले लगभग 11 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग उत्तर प्रदेश के अमरोहा और पंजाब में मदरसों, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने में किया।
एटीएस ने इन गंभीर आरोपों के आधार पर एम/एस इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सह-निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश में जुटी गई है। साथ ही हवाले के जरिए विदेश से आने वाली फंडिंग की भी गहन जांच की जा रही है।








