• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों का बिछा जाल, 14 शहरों में दौड़ रहीं 583 इलेक्ट्रिक बसें

Writer D by Writer D
01/11/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
0
Bus

CM Yogi will flag off 93 buses tomorrow

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नागरिकों को प्रदूषण रहित और सुविधाओं से लैस पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए गंतव्य तक पहुंचाने के लिए योगी सरकार (Yogi Government)  ने बड़ी तैयारी की है। 2020 में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इलेक्ट्रिक बस (Electric Buses)  की संकल्पना को मूर्त रूप दिया गया था और देखते ही देखते दो साल में यह 14 बड़े शहरों में लागू हो चुकी है।

इन शहरों में शुरुआत में कुल 700 बसों की फ्लीट चलाने का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से दो लॉट में कुल 614 बसों की डिलीवरी हो चुकी है। वहीं, 583 बसों का संचालन भी हो रहा है। जल्द ही 86 बसें भी डिलीवर हो जाएंगी, जिसके बाद इन शहरों में पूरी फ्लीट कंप्लीट हो जाएगी। वहीं, जिन शहरों में अभी इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) की शुरुआत नहीं हो सकी है, वहां भी इसकी संभावनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन बसों के जरिए प्रदेश के नागरिक तुलनात्मक रूप से कम किराए में वातानुकूलित बसों में आरामदायक सफर तय कर रहे हैं। वहीं, पर्यावरण को भी डीजल-पेट्रोल बसों के खतरनाक धुएं से निजात मिल रही है।

आगरा, लखनऊ और कानपुर में सबसे बड़ी फ्लीट

प्रदेश में सबसे ज्यादा आगरा, लखनऊ और कानपुर में बसों की फ्लीट दौड़ रही है। इन शहरों में 100-100 बसें चलाने का लक्ष्य है। आगरा में 76, लखनऊ में 100 और कानपुर में 82 बसें संचालित हो रही हैं। लखनऊ और कानपुर में सभी 100 बसों की डिलीवरी की जा चुकी है। आगरा में 89 बसों की डिलीवरी हो चुकी है। अन्य शहरों की बात करें तो मथुरा-वृंदावन, वाराणसी और प्रयागराज में 50-50 बसों की फ्लीट संचालित हो रही है। वहीं, गाजियाबाद और मेरठ में 30-30, अलीगढ़, गोरखपुर और झांसी में 25-25 व बरेली, मुरादाबाद और शाहजहांपुर में 10 बसों की फ्लीट दौड़ रही है। कुल मिलाकर प्रदेश के 14 शहरों में 583 बसें संचालित हो रही हैं, जबकि कुल 614 बसों की डिलीवरी पूरी हो चुकी है।

315 करोड़ की दी गई सब्सिडी

बीते दिनों मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) के संचालन से जुड़ा प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके मुताबिक, 11 मार्च 2020 को बस ऑपरेटर एग्रीमेंट के तहत यूपी में इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का फैसला लिया गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल कॉस्ट 966 करोड़ है। इसमें 315 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। इसमें भारत सरकार की ओर से 270 करोड़ तो यूपी सरकार की ओर से 45 करोड़ रुपये की सब्सिडी शामिल है। यह पूरा प्रोजेक्ट फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाईब्रिड व्हीकल्स इन इंडिया (फेम-2) के तहत शुरू किया गया है। फेम-1 की शुरुआत 2010 में हुई थी जब जेएनएनयूआरएम के तहत सिटी बस सर्विस की जिम्मेदारी यूपीएसआरटीसी को दी गई। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 1140 बसों की फ्लीट को सड़क पर उतारा गया था। हालांकि, इसमें इलेक्ट्रिक बसें महज 40 ही थीं, जिन्हें 2018 में सबसे पहले लखनऊ में उतारा गया। यह प्रोजेक्ट सिर्फ सात शहरों के लिए था, जिसमें कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, आगरा और मथुरा शामिल थे। फेम-2 में इस योजना को विस्तार दिया गया है और सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों को ही प्राथमिकता दी गई।

सीएम धामी ने आज रानीबाग स्थित एचएमटी परिसर का किया निरीक्षण

फेम-2 में जोड़े गए सात शहर

फेम-1 में जहां सिर्फ 07 शहरों को शामिल किया गया था तो फेम-2 में सात अन्य शहरों को भी इसमें जोड़ दिया गया। इसके तहत जो 700 इलेक्ट्रिक बसें प्रस्तावित की गई थीं, उनमें से 600 को फेम-2 के तहत सैंक्शन किया गया तो 100 बसें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सैंक्शन हुई। प्रदेश सरकार की ओर से सैंक्शन बसों को मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर और गोरखपुर में संचालित किया जा रहा है।

सुरक्षित हो रही आबो-हवा

भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) का प्रचलन बढ़ रहा है। भारत ने 2070 में शून्य उत्सर्जन को हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की जा रही हैं। इसी के अनुरूप प्रदेश सरकार ने सिटी ट्रांसपोर्ट के रूप में इलेक्ट्रिक बसों को तरजीह दी है। इससे न सिर्फ शहरों की आबो-हवा दुरुस्त होगी, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए डीजल-पेट्रोल की निर्भरता भी कम होगी। साथ ही, लोगों को भी आरामदायक और वातानुकूलित बसों में कम पैसों में सफर का आनंद मिलेगा।

Tags: electric busesLucknow News
Previous Post

जन्मदिन पार्टी में खाना खाने से 26 बच्चों की बिगड़ी तबीयत, मचा हड़कंप

Next Post

दिसंबर तक बुंदेलखंड के हर घर नल से पहुंचेगा जल: सीएम योगी

Writer D

Writer D

Related Posts

Yogi Cabinet
Main Slider

योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला : एलडीए को सौंपी गई जेपीएनआईसी परियोजना, सोसाइटी भंग

03/07/2025
Big lapse in Akhilesh Yadav's security in Azamgarh
Main Slider

अखिलेश यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक, मंच पर जबरन चढ़ने की शख्स ने की कोशिश

03/07/2025
12 people who converted to Islam joined Hinduism
Categorized

इस्लाम अपनाने वाले 12 लोगों की ‘ घर वापसी’, विश्व हिन्दू परिषद ने करवाया हिंदू धर्म में शामिल

03/07/2025
Solar Pump
उत्तर प्रदेश

खेती की लागत कम करने में किसानों की सारथी बन रही डबल इंजन सरकार

02/07/2025
CM Yogi
उत्तर प्रदेश

प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकॉनमी बनाएगा सीएम योगी का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’

02/07/2025
Next Post
cm yogi

दिसंबर तक बुंदेलखंड के हर घर नल से पहुंचेगा जल: सीएम योगी

यह भी पढ़ें

CM Vishnudev Sai

समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है नशापान: सीएम साय

02/03/2024
बिहार चुनाव में बुझा चिराग Chirag extinguished in Bihar election

बिहार चुनाव : चिराग पासवान को बड़ा झटका, प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील पांडेय का इस्तीफा

07/10/2020
Kiran Kher raised his support hand, gave one crore rupees for ventilator

खुद कि फ़िक्र छोड़ किरण खेर ने बढ़ाया मदद का हाथ, वेंटिलेटर के लिए दिए एक करोड़ रुपये

27/04/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version