बलरामपुर । उपभोक्ताओं से प्राप्त विद्युत राजस्व को निगम में ना जमा कर लगभग 53 लाख के हेराफेरी के प्रकरण में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UPPCL) अध्यक्ष एम देवराज (M Devraj) ने सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने इस प्रकरण में एक तुलसीपुर जनपद बलरामपुर के लेखाकार तथा एक अवर अभियंता को बर्खास्त (Dismissed) कर दिया है। इसके साथ ही एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी सहित नौ कार्मिकों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की गई है।
अध्यक्ष का कहना है कि यह एक गंभीर वित्तीय हेराफेरी की घटना है, जिसमें निगम को हानि पहुंचाने की कोशिश की गई। निगम में भ्रष्टाचार (Corruption) के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति लागू है। मुख्यमंत्री तथा ऊर्जा मंत्री के स्पष्ट आदेश है कि भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अवर अभियंता संजीव कुमार यादव तथा लेखाकार एमपी सिंह को बर्खास्त किया गया है।
बलरामपुर के अधीक्षण अभियंता ललित कुमार सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनके पेंशन से 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इसी तरह अधिशासी अभियंता रमेशचंद्र की पेंशन से 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। अधिशासी अभियंता बालकृष्ण को परिनिंदा तथा दो वेतन वृद्धि स्थाई रूप से रोके जाने, उपखंड अधिकारी प्रशांत शेखर श्रीवास्तव को परिनिंदा तथा सहायक अभियंता के मूल वेतन पर पदावनाती करने का निर्णय लिया गया है।
उप्र में बिजली व्यवस्था चरमराई, मांग पहुंची अट्ठाइस हजार मेगावाट के पार
इसी तरह कार्यालय सहायक रोकडिया नवल किशोर श्रीवास्तव, पवन कुमार एवं सुधांशु सिंह को परिनिंदा तथा कार्यालय सहायक के प्रारंभिक मूल वेतन पर पदावनती कर दिया गया है। यह सारी कार्यवाही अंतरग्रस्त कार्मिकों से प्राप्त अभ्यावेदन की जांच आख्या तथा पत्रावली में उपलब्ध संगत अभिलेखों के अध्ययन तथा विभिन्न विधि सम्मत परीक्षणों के आधार पर लिया गया है।
एम देवराज का कहना है कि यदि कोई भी कार्मिक वित्तीय अनियमितता करेगा और निगम को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ विधि संवत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।