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मैनपुरी पुलिस की बड़ी कामयाबी, 40 साल से फरार चौहरे हत्याकांड का आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी पुलिस ने 43 साल पहले हुए चौहरे हत्याकांड के फरार चल रहे हत्यारोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिल गई। मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक एके राय ने 40 साल से फरार चल रहे दोषी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस का यह कार्य बेहद ही सराहनीय और काबिलेतारीफ है।

यतेंद्र त्रिपाठी की ही तरह अन्य आरोपियो की भी जल्द गिरफ्तारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि यतेंद्र साधु के भेष में जिंदगी जी रहा था। हत्या के दोष सिद्ध आरोपी को किशनी पुलिस ने राज्य की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है। आज इस हत्यारे की उम्र करीब 61 साल है और चौहरे हत्याकांड के समय हत्यारे की उम्र मात्र 21 साल ही थी। इस पर पुलिस ने दस हजार रूपये का इनाम भी घोषित किया था।

43 वर्ष पूर्व जमीनी विवाद को लेकर हुए चौहरे हत्याकांड में फरार चल रहे हत्यारोपी यतेंद्र त्रिपाठी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से फरार चल रहे इस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। हत्यारोपी पहचान छिपाकर लखनऊ के आशियाना में रह रहा था। सीओ भोगांव अमर बहादुर सिंह के नेतृत्व में किशनी, कुसमरा पुलिस की टीमों ने आरोपी की गिरफ्तारी की। पूछताछ के बाद आरोपी को जेल भेजा गया।

1978 मे हुआ था चौहरा हत्याकांड

किशनी थाना क्षेत्र के ग्राम नगला तारा में 5 जून 1978 को जमीनी विवाद को लेकर मदन सिंह पुत्र विजय बहादुर, महेंद्र पुत्र विजय बहादुर, सरमन पुत्र तेजबहादुर, ललित पुत्र कौशलेंद्र उर्फ नेकसे की हत्या कर दी गई थी। इस चौहरे हत्याकांड में रामकृपाल पुत्र बैजनाथ निवासी सकरा थाना किशनी, राजनाथ पुत्र देवनाथ, सुरेंद्र पुत्र राजनाथ, यतेंद्र पुत्र राजनाथ, गजेंद्र पुत्र रामेश्वर दयाल निवासीगण नगला तारा थाना किशनी, गोविंद पुत्र सुखवासीलाल निवासी हदुआ थाना बेवर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने उपरोक्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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इस सामूहिक हत्याकांड में रामकृपाल, राजनाथ, सुरेंद्र, यतेंद्र, गजेंद्र को 1981 में आजीवन कारावास की सजा अपर जिला जज द्वितीय मैनपुरी कोर्ट में सुनाई गई थी। रामकृपाल, राजनाथ, सुरेंद्र, यतेंद्र की गिरफ्तारी हुई और इन्हें जेल भेज दिया गया। यतेंद्र इस मामले में 57 दिन जेल में रहा और जमानत पर बाहर आ गया। इसी बीच हत्यारोपी गजेंद्र ने आजीवन कारावास की सजा के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसमें यतेंद्र समेत पांचों आरोपियों को जमानत मिल गई।

आरोपियों को जमानत मिली तो वादी पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने भी मैनपुरी कोर्ट की ओर से दी गई आजीवन कारावास की सजा को सही माना और आरोपियों की गिरफ्तारी के वारंट जारी करा दिए गए। वारंट जारी होने के बाद राजनाथ, सुरेंद्र को जेल भेज दिया गया, लेकिन गजेंद्र, रामकृपाल और यतेंद्र फरार हो गए। उधर जेल भेजे गए राजनाथ और सुरेंद्र की फतेहगढ़ जेल में मौत हो गई।

40 साल से तीन हत्यारोपी फरार

सामूहिक हत्याकांड के आरोपी रामकृपाल, यतेंद्र और गजेंद्र 1981 से लगातार फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के वारंट भी जारी हैं। कोर्ट इन तीनों की गिरफ्तारी के लिए लगातार निर्देश दे रहा था। इसके बाद एसपी अशोक कुमार राय ने तीनों की गिरफ्तारी पर दस-दस हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। एसपी के निर्देश पर सीओ अमर बहादुर सिंह के निर्देशन में एसओ किशनी अजीत कुमार और कुसमरा चौकी इंचार्ज जैकब फर्नांडिज की दो टीमें बनाई गई और उन्हें लखनऊ भेजा गया।

वारदात के समय यतेंद्र की उम्र थी 21 साल

लखनऊ के आशियाना से आरोपी यतेंद्र की गिरफ्तारी कर ली गई। आरोपी यतेंद्र ने बताया कि सजा का फैसला आने के बाद वह लखनऊ चला गया था और वहीं मंदिरों में रहकर समय बिता रहा था। उसने लखनऊ में प्राइवेट नौकरी भी की। घटना के समय उसकी उम्र 21 साल थी। अब उसकी उम्र 61 साल हो गई है। अब वह एक पुत्री और एक पुत्र का पिता है।

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