कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के बर्रा क्षेत्र में पैथोलाजी कर्मी संजीत यादव की हत्या के मामले की सीबीआई जांच में लेटलतीफी और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये परिजन शुक्रवार को पैदल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिये लखनऊ चल दिये जिन्हे समझा बुझा कर घर वापस भेजा गया।
लैब तकनीशियन संजीत यादव की पिछले महीने उसके दोस्तों ने हत्या कर दी थी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। घटना के एक महीने बाद भी पुलिस शव की तलाश नहीं कर सकी है। इस संवेदनशीन मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिये गये थे।
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संजीत के परिजन घर के बाहर लगी पुलिस को चकमा देकर पैदल ही क्षेत्रीय लोगों के साथ लखनऊ के लिए निकल पड़े। जानकारी होते ही गोविंदनगर के क्षेत्राधिकारी सर्किल फोर्स के साथ पहुंचे और परिजनों को बर्रा बाईपास पर रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और परिजनों से झड़प भी हुई जिसके बाद नौबस्ता की ओर से आ रहे ट्रक के आगे संजीत की बहन रुचि और मां कुसमा लेट गईं और न्याय की गुहार लगाने लगी। यह सब होता देख पुलिस परिजनों के आगे हाथ जोड़कर घर वापस जाने की गुहार करती हुई नजर आई। हंगामे की जानकारी होते ही एसीएम प्रथम भी मौके पर पहुंच गए और परिजनों को समझाने का प्रयास किया और वापस घर भेज दिया। इस दौरान हाईवे पर करीब एक घंटे तक जाम के हालात रहे।
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संजीत के पिता चमनलाल यादव ने बताया “ आज हम सभी लोग न्याय के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए पैदल ही लखनऊ जा रहे थे लेकिन रास्ते में पुलिस ने रोक लिया इस दौरान एसीएम प्रथम भी मौके पर आ गए जिन्होंने दो दिन के अंदर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का आश्वासन दिया है।”
बहन रुचि ने पत्रकारों से कहा “ ना तो पुलिस भाई को जिंदा ला पाई और ना तो अब तक भाई का शव बरामद कर पाई है और न ही सीबीआई जांच शुरू हुई है। अब मुझे पुलिस पर भरोसा नहीं रहा है किसी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने जबरदस्ती करते हुए उसके भाई की फोटो तोड़ दी है और परिवार पर झूठे आरोप लगा रही है कि हम लोगों ने पुलिस वालों की वर्दी फाड़ी है। जो बिल्कुल गलत है हम तो सिर्फ योगी आदित्यनाथ जी से मुलाकात की मांग कर रहे थे।”
एसीएम प्रथम ने बताया कि परिजनों के द्वारा एक ज्ञापन दिया गया है जिसे ले लिया गया है उनके द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात की बात कही गई है जैसे ही समय मिलता है हम उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवाएंगे।