अयोध्या में राम मंदिर की जमीन छोड़ने के बदले मुस्लिम पक्ष को धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन मस्जिद (Mosque) निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। अब इस जमीन पर मस्जिद निर्माण को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। यह खुलासा हुआ है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने मस्जिद (Mosque) निर्माण के लिए प्रस्तुत नक्शे (लेआउट प्लान) को निरस्त कर दिया है। एडीए में नक्शा पास कराने के लिए आवेदन इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से दिया गया था।
एक आरटीआई में यह खुलासा हुआ है कि मस्जिद ट्रस्ट (Mosque Trust) की ओर से निर्माण को लेकर पेपर वर्क पूरा नहीं हुआ है। ट्रस्टी बीते ढाई साल में विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करा सके हैं, जिसकी वजह से अयोध्या विकास प्राधिकरण ने नक्शा पास नहीं किया है।
ADA को नहीं मिले जरूरी कागजात
आरटीआई दाखिल करने वाले अयोध्या निवासी ओमप्रकाश सिंह को दिए गए जवाब में एडीए ने स्पष्ट किया कि एनओसी न मिलने और जरूरी कागजात पूरे न करने के कारण नक्शा पास कराने संबंधित आवेदन निरस्त किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया कि पांच एकड़ जमीन पर अब तक किसी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जहां एक ओर राम मंदिर अपने निर्धारित समय के भीतर तैयार होने की राह पर है, वहीं दूसरी ओर मस्जिद (Mosque) निर्माण की दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं दिख रही है।
मस्जिद (Mosque) बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अपने फैसले में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद 5 अगस्त 2020 राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और आज मंदिर का काम अंतिम चरण में है। वहीं, अयोध्या विकास प्राधिकरण ने धन्नीपुर में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दी थी।
इसके लिए मुस्लिम पक्ष ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया था। ट्रस्ट ने एडीए में नक्शा स्वीकृति के लिए आवेदन भी दाखिल किया और विकास शुल्क के रूप में ₹1,68,515 और आवेदन शुल्क ₹23,413 जमा कराए। लेकिन करीब ढाई साल बीत जाने के बाद भी ट्रस्ट जरूरी दस्तावेज और विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रस्तुत करने में असफल रहा। यही वजह रही कि एडीए ने मस्जिद निर्माण के नक्शे को खारिज कर दिया।
