बेगूसराय। नौकरी की मांग कर रहे टीईटी उत्तर बेरोजगार छात्रों ( TET passed student ) पर पटना बर्बर तरीके से लाठीचार्ज (Lathicharge) किए जाने से हर ओर आक्रोश का माहौल है। उसमें भी तिरंगा हाथ में रखने वाले छात्र की जमकर पिटाई (Beat up) करते हुए तिरंगा गिराने के प्रयास की निंदा करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से भी मामले का जोरदार विरोध किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इस घटना की तीखी निंदा की है। वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने कहा है कि स्याह दिल के चेहरों को जाफरानी लिख गया, वह लुटेरों के शहर को राजधानी लिख गया। नई बोतल में पुरानी शराब, सत्ता की हनक में ये हैं नवाब।
नीतीश सरकार में बीटीईटी और सीटीईटी पास पांच हजार से अधिक बेरोजगार ( TET passed student ) नौकरी की मांग करने पहुंचे तो पटना में अधिकारी ने लाठी से जमकर पिटाई कर दी। हाथ में तिरंगा पकड़े एक छात्र ने पिटाई होने के बावजूद तिरंगा धरती पर नहीं गिरने दिया। इसके बावजूद अधिकारी ने पिटाई करने के साथ तिरंगा का अपमान किया, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बेरोजगार युवा पर लठ बजाता ADM…. ऐसी क्रूरता!
बिहार की नई सरकार से अपेक्षा न थी।@NitishKumar @yadavtejashwi pic.twitter.com/YgEYOMISlx— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) August 22, 2022
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी इस घटना की एक ही निंदा की है। अभाविप के जिला संयोजक सोनू कुमार ने कहा कि एक तरफ सरकार वादा करती है कि हम इतना नौकरी और रोजगार देंगे। लेकिन सातवें चरण की शिक्षक बहाली के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों पर छात्र विरोधी सरकार के द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया, जो कि बेहद शर्मनाक है, इसकी जितनी भर्त्सना की जाए वो कम है। एक छात्र जो तिरंगा लिए प्रदर्शन कर रहा था, उसे भी बेहरमी से मारा गया। क्या छात्र का रोजगार नौकरी मांगना गलत है?
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बिहार सरकार जल्द से जल्द रोजगार नौकरी उपलब्ध कराए तथा छात्र-छात्राओं की आवाज दबाना बंद करे, नहीं तो छात्र-छात्राओं युवाओं के आक्रोश का सहन नही कर पाएंगे। जोरदार आंदोलन होगा, जिसका जिम्मेदार बिहार सरकार स्वयं होगी। सीटीईटी उत्तीर्ण सौरव सिप्पी ने कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थी तो सिर्फ अपना हक और नौकरी मांग रहे हैं। लेकिन पटना पुलिस आतंकियों जैसा व्यवहार कर रही है, सरकार बदल गई, लेकिन इन अभ्यर्थियों की किस्मत नहीं बदली। जिन्हें सत्ता चाहिए थी मिल गई और शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण बेरोजगारों के भाग्य में अभी भी लाठी ही है।