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अपराध करने वाले हाथ अब कंप्यूटर के कीबोर्ड से लिखेंगे सुनहरा भविष्य की गाथा

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इटावा। जो हाथ गुनाहों के दलदल से सने हुए थे, अब वह हाथ कम्प्यूटर (Computer) के कीबोर्ड पर सुनहरे भविष्य की गाथा लिखेंगे। इटावा जिला जेल (Etwaha Jail) में बंद कैदियों को हाईटेक (Hi Tech) बनाने की कवायद की जा रही है।

यही नहीं उन्हें इतना काबिल बना दिया जाएगा कि जेल से बाहर निकलने के बाद वह अच्छी नौकरी करके स्वावलंबी बन सकेंगे। बंदियों को अपराध से निकालकर कौशल विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास में जेल प्रशासन तेजी से जुटा हुआ है। बंदियों को कम्प्यूटर ट्रेनिंग (Computer Training) दी जा रही है।

जिला जेल में इन दिनों करीब 2000 बंदी निरुद्ध हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। बीते दिनों जेल अधीक्षक रामधनी से महिला एवं पुरुष कैदियों कंप्यूटर सीखने (Computer Training)  की इच्छा व्यक्त की थी। कैदियों की इन मांग को जेल अधीक्षक रामधनी ने गंभीरता से लिया। जेल अधीक्षक ने 100 बंदियों को कंप्यूटर सीखने (Computer Training)  के लिए चिन्हित किया। इसके बाद एक सामाजिक संस्था से संपर्क कर इनकी मांगों की अमली जामा पहनाने में जुट गए।

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संस्था के माध्यम से जेल के अंदर कैदियों को कंप्यूटर ट्रेनिंग (Computer Training) दी जा रही है। इसका शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जसवीर सिंह यादव और जैंट्स वेलफेयर फाउंडेशन व जैंट्स ग्रुप ऑफ दतावली, छितौनी के संयोजक डॉ. शिवराज सिंह यादव व फेडरेशन ऑफिसर डॉ. कैलाश यादव के द्वारा कंप्यूटर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया।

जेल अधीक्षक ने दी जानकारी

जेल अधीक्षक रामधनी के मुताबिक, स्वयंसेवी संस्था के द्वारा बन्दियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि बंदियों को जेल से रिहा होने के बाद स्वरोजगार मिल सके, वह आत्मनिर्भर बनें और अपना जीवन-यापन करें। साथ ही समाज की मुख्य धारा से जुड़ जाएं।

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ग्रुप में दी जाएगी ट्रेनिंग

बंदियों ने इच्छा जाहिर की थी कि हमें कंप्यूटर की ट्रेनिंग (Computer Training) करवाएं। इसके बाद उन्हें चिन्हित किया गया। लगभग 100 महिला-पुरुष बंदी कंप्यूटर सीखना चाहते थे। फिलहाल 15 बंदियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद 15-15 बंदियों के ग्रुप को ट्रेनिंग दी जाएगी।

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