संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने तीन दिवसीय प्रवास पर मंगलवार की रात अयोध्या पहुंचे। वे संघ कार्यालय साकेत निलयम में विश्राम कर सुबह 6:45 बजे कारसेवकपुरम पहुंचे।
संघ प्रमुख के अयोध्या प्रवास के दौरान राममंदिर के बाद राष्ट्र मंदिर निर्माण के लिए देशभर में संघ की शाखाओं को नियमित संचालन, भारतीय इतिहास की विसंगतियों से युवाओं को परिचित करा सच्चाई बताना, वीर सावरकर के योगदान व वंदे मातरम अभियान पर खास तौर से चर्चा हो रही है। कुल मिलाकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रवाद को चरम पर करने की तैयारी है।
स्वयंसेवकों को यहां बौद्धिक व शारीरिक रूप से दक्ष करने के लिए देशभर में शाखाओं का संचालन सुनिश्चित किए जाने के लक्ष्य के तहत रोज तीन सत्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बौद्धिक सत्र कारसेवकपुरम के हाल में चल रहा है जबकि यहां मैदान में जलभराव के कारण पद संचलन व दंड प्रशिक्षण आदि के सत्र नया घाट क्षेत्र में मार्ग पर ही किया जा रहा है। चल रहे अखिल भारतीय शिविर में राष्ट्रीय प्रमुख सुनील कुलकर्णी, सह प्रमुख जगदीश प्रसाद भी शामिल हैं।
सोमवार से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति की तीन दिवसीय बड़ी बैठक चल रही है। बैठक के दूसरे दिन समिति के चेयरमैन पूर्व IAS नृपेंद्र मिश्र, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व सदस्य डाक्टर अनिल मिश्र इंजीनियरों की टीम के साथ मंदिर निर्माण कार्य पर मंथन कर रहे हैं। संघ प्रमुख रामलला का दर्शन कर मंदिर निर्माण की प्रगति व विकास के बारे में जानकारी लेंगे। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को जब राममंदिर के लिए भूमि पूजन किया था, उस समय संघ प्रमुख समारोह में मौजूद थे।
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वर्ग का उद्घाटन सोमवार को ही सर कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले कर चुके हैं। सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल सहित देशभर के 500 स्वयंसेवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। संघ प्रमुख के आगमन के बाद कारसेवकपुरम में मीडया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बीती रात संघ प्रमुख के आगमन पर संगठन के देवकाली कार्यालय साकेत निलयम में भी मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया था। जबकि संघ प्रमुख के आगमन को लेकर मीडिया के लोग सुबह से ही उनका इंतजार कर रहे थे।
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि मिशन 2022 की कमान अब पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS ने ले ली है। 2024 का सेमीफाइनल कहा जाने वाला यूपी चुनाव भाजपा के लिए अहम है। RSS ने जिस प्रकार से जय श्री राम का नारा लोगों की जुबान पर लाने का काम किया था। अब लोगों को वंदे मातरम कहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
संघ की स्थापना नागपुर में 27 सितंबर 1925 को हुई थी। इसके सौ साल पूरे होने पर RSS अयोध्या में सबसे बड़ा कार्यक्रम 2025 में करने जा रहा है। इस समय तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ यह काफी कुछ विकसित हो चुका होगा। नागपुर की तरह अयोध्या संघ का अघोषित मुख्यालय होगा। इसके लिए भवन निर्माण सहित अन्य सुविधाओं की योजना भी बन चुकी है।