कांग्रेस ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार कृषकों की आवाज सुनने के बजाय उन पर सर्दियों में पानी की बौछार और लाठियां मार रही है जो उसके तानाशाही होने का प्रमाण है। यह लोकतंत्र के साथ अन्याय है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि आखिर दिल्ली दरबार के लिए किसान कब से खतरा हो गए?
किसान के सामने जवानों को खड़ा करके मोदी और खट्टर क्या संदेश देना चाहते हैं?
वे देश को ‘सिविल वॉर’ के गड्ढे में धकेलने की साज़िश कर रहे हैं और वह भी संविधान दिवस के मौक़े पर।
किसान-संविधान दोनों परेशान,
चौकीदार सो रहा चादर तान ! pic.twitter.com/1hkM7fWjuZ— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने किसानों पर पानी की बौछार मारे जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध का रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।
धरती पुत्र सर्द रातों में भी खेतों को सींचते हैं,
डरेंगे पानी की बौछारों से, मोदी गलत सोचते हैं।किसानों के साथ आतंकियों सरीखा व्यवहार देशभक्ति नही गद्दारी है…
सविंधान दिवस पर किसानों पर अत्याचार दिल्ली दरबार और चण्डीगढ़ की सरकारों के अंत का बिगुल है।#FarmersProtest pic.twitter.com/uBgQMJK36Z
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, भीषण ठंड के बीच अपनी जायज मांगों को लेकर गांधीवादी तरीकों से दिल्ली आ रहे किसानों को जबरन रोकना और पानी की तेज बौछार मारना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।
“पोस्टकार्ड की अगली कड़ी” 👇👇
वॉटर केनन की बौछारें, इनसे कब हम हारे,
ये तो बस है फुहारें, फौलादी है इरादे हमारे,
रोक न पाएंगी मोदी-खट्टर सरकारें।सुन लो खट्टर! सुन लो चौटाला!
नही मानेंगे कानून काला।सुन लो मोदी! सुन लो शाह!
रोक न पाओगे, तुम अब राह।#FarmersDelhiProtest pic.twitter.com/tpJUv1AvtG— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, आज देश का मजदूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोजगार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध?