उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी याचिका ख़ारिज करने का स्वागत करते हुए कहा कि यह बात समझ से परे है कि प्रदेश की योगी सरकार इस भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिशें क्यों कर रही है।
श्री लल्लू ने मंगलवार को जारी बयान में सवाल किया कि अदालत से याचिका रद्द हो जाने के बाद पुलिस अधिकारी को तुरन्त गिरफ्तार क्यों नही किया जा रहा है। आखिर किसके इशारे पर योगी सरकार इस पुलिस अधिकारी पर मेहरबानी दिखा रही है । अपराध और अपराधियों पर जीरो टोलरेंस का दावा करने वाली सरकार आखिर क्यों दागदार पुलिस पर मेहरबान है । प्रदेश की योगी सरकार बताये कि खनन के अवैध कारोबार में उनके मंत्रिमंडल के कौन कौन मंत्री लिप्त है जिनके संरक्षण के चलते आजतक दागी पुलिस अफसर को बचाया जा रहा है ।
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उन्होने कहा कि मणि लाल पाटीदार ने महोबा के पुलिस अधीक्षक रहते कथित तौर से खनन के ठेकेदार इंद्र मणि तिवारी से 6 लाख रुपया बतौर रंगदारी माँगा था जिसकी उसने लिखित शिकायत भी की थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी बल्कि एक दिन ठेकेदार की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। हत्या के आरोप में 10 सितम्बर को कोतवाली महोबा में एफआईआर दर्ज हुई थी। योगी सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी जिसने इसे आत्महत्या का मामला बता दिया। भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार को सस्पेंड तो कर दिया गया लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया भ्र्ष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का दावा करने वाली योगी सरकार द्वारा इस पुलिस अफसर को इतनी ढील क्यों दी गयी यह एक बड़ा सवाल है।
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श्री लल्लू ने कहा की अब जब इलाहबाद हाई कोर्ट ने मणि लाल पाटीदार की याचिका खारिज कर दी है तो सरकार को उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर के हत्या और भ्रष्टाचार की दफाओं के तहत मुक़दमा दर्ज करना चाहिए। खनन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा है जिसमे ऊपर से लेकर नीचे तक विभागीय और पुलिस का अमला शामिल रहता है। इस काकस को तोडना और खनिज सम्पदा को बचान सरकार का कर्तव्य है । लेकिन योगी सरकार इसे लूट का अड्डा बनाये हुए है।