राम नगरी अयोध्या में चौथे दीपोत्सव के सफल आयोजन के बाद अयोध्या की गलियां में रौनक है. इस बार की दीपावली वह बेहद खास थी. रामलला वाली दीपावली मनाने के बाद पूरी अयोध्या मदमस्त है।
संतों में उत्साह है तो राम भक्त और अयोध्या वासी भी प्रफुल्लित है. लगातार कई बार दीपोत्सव के दरमियान अयोध्या ने इतिहास लिखे दीपक जलाने की श्रृंखला बनाई और अपने ही रिकॉड को लगातार तोड़ती नजर आई। एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड कायम हुआ है और इस बार 6 लाख से ज्यादा दीपक जलाए गए।
इस बार की दीपावली राम लला वाली थी. पूरे नगर को सजा सवार कर त्रेता की राम नगरी बनाई गई। संतों ने खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद दिया है. मुख्यमंत्री के तीन पीढ़ियों ने राम मंदिर के आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई और खुद मुख्यमंत्री के शासन में अयोध्या को उसका स्वरूप मिला. फैसला आया तो अब अयोध्या राम मय हो गयी। इस बार की दीपावली राम वाली दीपावली थी. अयोध्या के संतों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।
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राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस बार की दीपावली बेहद ही भव्य थी। राम जन्मभूमि परिसर में बच्चों ने बड़े-बड़े दीपक जलाए थे. स्टैंड पर दीपक लगाए गए जो अलौकिक और अद्भुत थे। रंगोली से पूरे रामलला परिषद को सजाया गया. 1528 के बाद जब विवाद शुरू हुआ उसके बाद से और अब तक राम जन्मभूमि परिसर में दीपक नहीं जला था. 490 वर्ष के बाद यह मौका आया जब रामलला के परिसर में दीपक जला. इस अलौकिक छटा को देख कर के मल भाव विभोर हो गया।
वही सरयु नित्य आरती कराने वाले महंत शशि दास ने कहा कि इस साल दीपावली सबसे भव्य और दिव्य थी. योगी सरकार आने के बाद चौथा दीपोत्सव था लेकिन रामलला के मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद यह प्रथम दीपोत्सव है. अयोध्या के वासियों ने साधु संतों ने दीपोत्सव के दिन ही दीपावली मनाई. यह दीपोत्सव लोगों को प्रेरणा से बहुत परे था. त्रेता युग में जब रावण का वध करने के बाद भगवान राम अयोध्या आए तो जो उत्सव त्रेता में अयोध्या वासियों ने मनाया था वही उत्सव अयोध्या में भी देखने को मिला. अयोध्या के प्रमुख मंदिर हनुमानगढ़ी कनक भवन और राम जन्मभूमि में दीपक जलाए गए. मुख्यमंत्री योगी को आभार व्यक्त करता हूं. मुख्यमंत्री इसी तरह काम करते रहे जिससे कि अयोध्या मथुरा और काशी विश्व के पटल पर स्थापित हो सके।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद जब भगवान राम अयोध्या आए थे उस समय अयोध्या वासियों ने दीपक जलाए थे. उत्साह जो उस समय का था वही उत्साह इस वर्ष दीपोत्सव में देखने को मिला। 492 के बाद अयोध्या में खुशी मिली है. वह अद्वितीय है. अयोध्या के खोए हुए गौरव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वापस किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब से मुख्यमंत्री हुए हैं तब से अयोध्या के विकास के लिए अग्रसर हैं और विश्व के पटल पर अयोध्या दर्ज हो गई है. मोदी और योगी ने मिलकर के भारत के पौराणिक स्वरूप को स्थापित किया है. राम मंदिर के माध्यम से दुनिया में मानवता का संदेश दिया जाएगा।