श्रीनगर। कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने रविवार को दावा किया कि अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने के बाद घाटी में नौकरशाहों और कश्मीरी पंडितों के बीच दूरी उभर आई है जिसके कारण पंडितों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
केपीएसएस अध्यक्ष संजय टिकू ने यहां जारी बयान में कहा कि घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों के 808 परिवार कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं क्योंकि नौकरशाही के कुछ लोग उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “पांच अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में नौकरशाहों और कश्मीरी पंडितों के बीच दूरी बढ़ गई है और इसके कारण गैर-जरूरी बाधाएं उभर आई है।”
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केंद्र ने पिछले वर्ष पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त कर दिया था एवं जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
श्री टिकू ने संगठन के अन्य सदस्यों के साथ यहां प्रेस एन्क्लेव में विरोध प्रदर्शन भी किया।
केपीएसएस ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय और उच्च न्यायालय की तरफ से दिशानिर्देश जारी किये जाने के बावजूद घाटी में अधिकारियों ने कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं किया है।