नई दिल्ली। अयोध्या में भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक ट्वीट पर चल रहे विवाद के बाद अब उसे हटा लिया गया है। AIMPLB सचिव जफरयाब जिलानी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि वो पोस्ट महासचिव के स्वीकृति के बिना डाला गया था, इसलिए उसे हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्वीट में कुछ शब्द बेहद ही गैरजिम्मेदार हो सकते हैं, लेकिन उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। इसलिए मैं ट्वीट पर कुछ भी नहीं कहना चाहता।
वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमलोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हमारी तरफ से फैसले को चुनौती देने वाली रिव्यू पिटीशन को नहीं सुना गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि हमलोग इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
असदुद्दीन ओवैसी बोले- बाबरी मस्जिद थी और रहेगी इंशाअल्लाह
जिलानी ने आगे कहा कि हमलोग पीएम मोदी और सीएम योगी के उस बयान की निंदा करते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि वहां पर सदियों से मंदिर मौजूद था।
बता दें कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा के लिए एक मस्जिद रहेगी।
AIMPLB ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘बाबरी मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद रहेगी। हागिया सोफिया हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है। दिल टूटने की जरूरत नहीं है। स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।’
एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि वहां बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी।