धर्म डेस्क। 5 अगस्त 2020 को देश-दुनिया की निगाहें भगवान श्री राम के जन्म स्थान अयोध्या पर टिकी रहेंगी। बुधवार, 5 अगस्त को राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे। भूमि पूजन में मंदिर के नींव की पहली ईंट पीएम मोदी रखेंगे। राम भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। रामायण महाकाव्य में भगवान राम के जीवन चरित्र का विस्तार से वर्णन किया गया है। हिंदू धर्म में रामायण पाठ को बहुत ही शुभ माना गया है। रामायण के पाठ को करने से जीवन में सुख, शांति और पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। रामायण का पाठ रोजाना करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि रामायण बहुत बड़ी है। ऐसे में कई लोग रामायण का पाठ प्रत्येक दिन थोड़ा- थोड़ा किया करते हैं।
भगवान राम की आराधना करने के लिए रामायण में एक मंत्र बहुत ही खास है। इस एक मंत्र में पूरी रामायण का सार छिपा हुआ है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो राम भक्त इस एक मंत्र का रोज पाठ करते हैं उन्हें पूरी रामायण पाठ करने के बराबर का पुण्य लाभ प्राप्त हो जाता है। इस मंत्र को श्लोकी रामायण कहते हैं। मान्यता है कि इस रामायण मंत्र के जाप से पापों से मुक्ति और परेशानियां खत्म हो जाती है। साथ ही प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। इस मंत्र का जाप सुबह स्नान करने के बाद भगवान राम की प्रतिमा के सामने आसन पर बैठकर किया जाना चाहिए।
मंत्र आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
अर्थात
इस मंत्र का अर्थ यह कि भगवान राम वनवास गए। सोने के हिरन का वध किया। माता सीता जिन्हें वैदेही भी कहा जाता है उन्हें रावण ने हरण किया। सीता को हरण कर लंका ले जाते समय रावण के हाथों से जटायु ने प्राण गंवाएं। भगवान राम और सुग्रीव में मित्रता हुई। बालि का वध कर समुद्र पार किया। लंका का दहन हुआ। बाद में रावण और कुंभकर्ण का राम के हाथो से वध हुआ। यही रामायण की संक्षिप्त कथा है।
मंत्र जाप के फायदे
राम का जाप करने से बड़ी-बड़ी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और शांति मिलती है। मन में बुरे और नकारात्मक विचार नहीं आते। पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते समय भगवान राम की कृपा मिलती है।
श्लोकी मंत्र जाप का तारीका
इस मंत्र का जाप का तारीका बहुत ही आसान है। मंत्र का जाप रोज सुबह घर के मंदिर या आस पास के मंदिर में स्नान के बाद करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार कर सकते हैं।