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विवाद के बाद बैकफुट में आया प्रशासन, फिर से सफेद हो रही काशी की मस्जिद

वाराणसी में मस्जिद को गेरुआ रंग करने के मामले में प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। यहां मस्जिद को फिर से सफेद रंग में रंगा जा रहा है। दरअसल, वाराणसी के बुलानाला कर्णघंटा मस्जिद को गुरुवार को हल्के गेरुआ रंग से पेंट किया गया था।

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में रास्ते में पड़ने वाली इमारतों को हल्के गेरुआ रंग में रंगा जा रहा था। इसी के चलते एक मस्जिद का रंग भी गेरुआ कर दिया गया। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी जताई थी। मुस्लिम समुदाय ने वाराणसी विकास प्राधिकरण पर तानाशाही करने का आरोप लगाया।

दरअसल, वाराणसी के बुलानाला इलाके में सड़क किनारे एक काफी पुरानी मस्जिद है, इसे बुलानाला मस्जिद भी कहते हैं। इसका रंग सफेद था। आरोप है कि प्राधिकरण ने हल्का गेरुआ रंग रातों रात पेंट करा दिया। इससे मस्जिद से जुड़े लोगों ने काफी विरोध जताया और इसे प्राधिकरण का तानाशाही रवैया बताया। वहीं, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने कहा था कि वह एकरूपता लाने की कोशिश कर रहा है।

मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के मोहम्मद एजाज इस्लाही ने बताया था कि मस्जिद का रंग रातोंरात बदल दिया गया। अगर कुछ करना भी था तो एक बार पहले बात कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ये मनमानी और तानाशाही है। पहले उनकी मस्जिद सफेद हुआ करती थी जो अब केसरिया रंग की तरह हो गई है। उन्होंने बताया कि इस पर आपत्ति भी उन्होंने दर्ज कराई है और डीएम से मिलने की कोशिश भी की है, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यालय में भी आपत्ति दर्ज कराई कि ये रंग गलत है।

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वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तैयारियों के अलावा ये भी कोशिश की जा रही है कि विभिन्न मार्गों का सुंदरीकरण भी हो जाए। उन्होंने आगे बताया कि गोदौलिया इलाके से लेकर शीतला घाट तक एक रंग में इमारतों को रंगा गया था और अब इस प्रयोग को मैदागिन इलाके से लेकर गोदौलिया इलाके तक किया जा रहा है। इससे सुंदरता और एकरूपता दोनों आएगी। उन्होंने बताया कि इस रंग रोगन को कराने के पीछे ये सोच थी कि बनारस की ज्यादातर इमारतें बलुआ पत्थर से बनी हुई है, जिसका रंग हल्का पिंक जैसा होता है तो उसी थीम को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण काम कर रहा है।

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