बांदा। विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर भाजपा के विधायक रहे बृजेश प्रजापति के इस्तीफा देने के बाद तिंदवारी विधानसभा में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
एक ओर भाजपा खेमे से चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ता बलराम सिंह कछवाह व कांग्रेस के पूर्व विधायक दलजीत सिंह के आलावा यहां से राहुल सिंह उर्फ गुड्डू तथा भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद का नाम भी जोरों पर चल रहा है। इनके अतिरिक्त चुनाव लडने के लिए भाजपा के कई अन्य नेताओं का नाम भी सामने आ रहा हैं।
माना जा रहा है कि क्षत्रीय बाहुल्य इस सीट से प्रत्याशी के रूप में रामकेश निषाद, राहुल सिंह, दलजीत सिंह व बलराम सिंह मे से ही किसी एक को भाजपा अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। जातिगत समीकरणों को देखा जाए तो तिन्दवारी सीट से सर्वाधिक करीब 71 हजार मतदाता अनुसूचित जाति के है। दूसरे नम्बर पर क्षत्रीय लगभग 56 हजार तथा तीसरे नम्बर पर निषाद बिरादरी के लगभग 53 हजार वोट है। इनके अलावा 26 हजार प्रजापति, लगभग 20 हजार मुस्लिम, 17 हजार यादव, लगभग 16 हजार ब्राह्मण तथा 9 हजार पटेल मतदाता है।
इस सीट से राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह भी यहा से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसींन हो चुके है। दूसरी बार तिन्दवारी सीट के बल पर फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक सत्तारूढ़ हो चुके है।
ऐसा माना जा रहा है कि दोनों बार वीपी सिंह को यहा से चुना जितवाने में तिन्दवारी क्षेत्र के महोखर गांव निवासी राहुल सिंह (गुड्डू) के बाबा व पिता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भाजपा से टिकट पाने की उम्मीद रखने वाले किसान और पेट्रोल पम्प व्यवसाई राहुल सिंह कहते है कि उन्होने भाजपा से टिकट की दावेदारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि टिकट मिला तो ठीक, नहीं मिला तो पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौपेगीं उसे ईमानदारी से पूरा करेगे।
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उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में रहकर सच्चे सिपाही के रूप में काम करते रहेगे। पार्टी जिसे भी टिकट देगी उसके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर एक बार फिर से भाजपा का परचम लहराएगें। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यहा एक बार फिर पिछडा कार्य खेलकर भाजपा एक बार फिर से यहां भगवा झण्डा फहराएगी।