नई दिल्ली| गलवान में झड़प के बाद भारत ने चीन पर कई सख्त फैसले लिए। मोबाइल ऐप की पाबंदी, निवेश पर रोक के लिए नियमों में बदलाव, तमाम वस्तुओं पर शुल्क में बढ़ोतरी समेत कई बड़े निर्णय शामिल हैं। इनका असर भी दिखने लगा है। इस साल जुलाई तक भारत में चीनी आयात लगभग एक-चौथाई गिर चुका है। पहले सात महीने में कुल व्यापार में 18.6 फीसदी तक की गिरावट आई है।
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118 चीनी ऐप पर पाबंदी
भारत ने चीन के 118 मोबाइल ऐप पर बीते दिनों पाबंदी लगा दी। इनमें पबजी समेत कई लोकप्रिय ऐप थे, जिनका भारत में सालाना कारोबार हजारों करोड़ रुपये था। पबजी के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार था। उसके कुल डाउनलोड का 24 फीसदी अकेले भारत में किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, उसका करीब 8.4 करोड़ डॉलर का राजस्व भारत से आता था।
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद तमाम केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने चीनी उत्पादों की खरीद-बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। रक्षा मंत्रालय की कैंटीन में अब सिर्फ भारत में निर्मित उत्पाद मिलने लगे हैं। परिवहन मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने निर्देश जारी किया है कि उनके विभाग में अब चीन से जुड़ा कोई सामान नहीं आएगा।
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केंद्र सरकार ने जनरल फाइनैंशियल नियम, 2017 में बदलाव कर भारत के पड़ोसी देशों की ओर से सरकारी खरीद में बोली लगाने वालों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर चीन पर पड़ेगा। क्योंकि इस नियम के तहत अब किसी भी काम में बोली लगाने से पहले कंपनी को डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड में पंजीकृत कराना होगा।