हिंदू धर्म में पंचक (Panchak) को बहुत अशुभ माना जाता है। पंचांग में पंचक को ऐसा नक्षत्र माना गया है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से होते हुए रेवती नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण करता है, तब पंचक लगता है।
अप्रैल में पंचक (Panchak) कब से शुरू हो रहे हैं?
पांच दिन की इस अवधि में किया गया कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य सफल नहीं होता है और इस दौरान बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस बार अप्रैल में पंचक की शुरुआत 22 अप्रैल से हो रही है और और इसका समापन 26 अप्रैल को हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचक काल में कौन कौन से काम नहीं करने चाहिए।
पंचक (Panchak) में मृत्यु हो जाए तो क्या करना चाहिए?
अग्नि पंचक (Agni Panchak) में कोई भी मुश्किल और जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए। पंचक में मृत्यु होना बहुत अशुभ माना गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगर पंचक में किसी व्यक्ति मृत्यु हो जाए, तो उसके कुटुम्ब में 5 और लोगों की मौत होने का खतरा बना रहता है। हालांकि, इससे बचने के लिए उपाय भी बताया गया है। पंचक में शव के अंतिम संस्कार करते समय कुश या आटे के 5 पुतले बनाए जाते हैं और फिर उनको शव के पास रखकर अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसा करने से पंचक दोष दूर हो जाता है।
अग्नि पंचक (Agni Panchak) में न करें ये काम
अग्नि पंचक (Agni Panchak) के दौरान लकड़ी को इक्ट्ठा करना या खरीदना, मकान की छत डलवाना, दाह संस्कार करवाना, बेड, चारपाई या पलंग आदि बनवाना और दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना गया है। ऐसे में पंचक के दौरान ये 5 काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए, वरना आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
अग्नि पंचक (Agni Panchak) में क्या करना शुभ-अशुभ होता है?
मंगलवार के दिन शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक (Agni Panchak) कहा जाता है। अग्नि पंचक की शुरुआत 22 अप्रैल, दिन मंगलवार से हो रही है और 26 अप्रैल, दिन शनिवार तक ये पंचक चलेगा। इन 5 दिनों में कोर्ट-कचहरी या कानूनी मामलों में शुभ परिणाम मिल सकते हैं। लेकिन इस दौरान जमीन की खुदाई करना, आग से जुड़े कार्य करना, निर्माण कार्य करना और औजार या मशीनरी के काम करना अशुभ माना जाता है।