किसान आंदोलन के आज 7 महीने पूरे हो गए हैं। आजके दिन को किसानों ने खेती बचाओ और लोकतंत्र बचाओ के रूप में मनाया। साथ ही राज्यों के राज्यपालों को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज किसानों से अपील करते हुए कहा कि मैं सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनको अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए। भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए भी तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है।
आपको बता दें कि आज किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान जुटे और तीन कृषि कानून को वापस कराने के लिए जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के दौरान किसानों ने ट्रैक्टर मार्च भी निकाला।
आन्दोलन के सात माह पूरे होने पर राज्यपालों को किसानों ने सौंपा ज्ञापन
इस आंदोलन में महिलाएं, पुरुष बुजुर्ग व युवा भी शामिल हुए। किसानों ने देश भर में इस आंदोलन को दशा और दिशा देने की कोशिश की। किसानों ने राज्यों की राजभवन के बाहर विरोध किया और राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि जब तक तीन किसी कानून वापस नहीं होते किसान यह आंदोलन यूं ही बदस्तूर जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि किसानों और सरकार के बीच 11 बार से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं. मगर नतीजा हमेशा बेनतीजा ही निकला। सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की। वहीं, किसानों का कहना है कि उन्होंने भी सरकार को समझाने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी। इसलिए आंदोलन जारी रहेगा।
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस कानून पर फिलहाल रोक लगा रखी है और सरकार किसानों से बात करना चाहती है। मगर यह बातचीत का सिलसिला कब शुरू होता है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा। अब देखना यह है कि यह किसान आंदोलन कब अपने मुकाम पर पहुंचता है।