• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अहमद जलाली को मिलेगी अफगानिस्तान की सत्ता, तालिबानी नेता ने की पुष्टि

Writer D by Writer D
15/08/2021
in Main Slider, World, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अफगानिस्तान में बड़ा सियासी फेरबदल होने जा रहा है। तालिबान की बढ़ती ताकत के बीच अफगानिस्तान में अब एक अंतरिम सरकार का गठन होना है जिसका हेड अली अहमद जलाली को बनाया जा रहा है। खबर है कि कुछ ही घंटों में अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी और अशरफ गनी का इस्तीफा हो जाएगा।

जानकारी मिली है कि अफगानिस्तान में अब अशरफ गनी की जगह अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी। अली अहमद अफगानिस्तान के जर्मनी के लिए पूर्व राजदूत रह चुके हैं। राजनीति और कूटनीति में उनका एक लंबा अनुभव रहा है। ऐसे में अब जब देश तालिबान जैसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है, तब देश की बागडोर कुछ समय के लिए अली अहमद जलाली के हाथों में दी जा रही है।

तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी ने खुद इस खबर की पुष्टि कर दी है। बताया गया है कि कुछ ही घंटों में ये बड़ा सत्ता परिवर्तन हो सकता है। अभी मुल्ला काबुल पहुंच चुके हैं और वहां पर सत्ता परिवर्तन को लेकर ही चर्चा चल रही है. बातचीत के दौरान उनकी तरफ से कहा गया है तालिबान काबुल पर बलपूर्वक कब्जा नहीं जमाएगा। बातचीत के जरिए ही कोई समाधान निकलेगा। न्यूज एजेंसी Reuters के मुताबिक कुछ ही देर में अली अहमद जलाली भी काबुल पहुंच जाएंगे और फिर उन्हें अंतरिम सरकार की सत्ता सौंप दी जाएगी।

अफगान पर तालिबान का कब्जा, अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने जलाए दस्तावेज़

अफगानिस्तान में इस बड़े सियासी फेरबदल की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं। कहा जा रहा था कि अफगान सरकार और सेना तालिबान के सामने घुटने टेक चुकी है। तालिबान की लगातार ताकत बढ़ रही थी, वहीं अफगान की सरकार फैसले लेने में सक्षम नहीं दिख रही थी। यही वजह थी कि अशरफ गनी के इस्तीफे की मांग थी। अब वहीं बड़ा फेरबदल होने भी जा रहा है। गनी खुद अली अहमद जलाली को सत्ता सौंपने जा रहे हैं।

अली अहमद जलाली अफगानिस्तान के लिहाज से सिर्फ एक बड़े नेता नहीं हैं, बल्कि कूटनीति के मामले में भी काफी सक्षम हैं। कई मौकों पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुके जलाली के पास एक लंबा अनुभव है। एक राजदूत से लेकर प्रोफेसर तक, एक कर्नल से लेकर सरकार में मंत्री तक, अली अहमद जलाली ने हर वो पद संभाला है जिस वजह से वे अफगानिस्तान की राजनीति को भी समझते हैं और तालिबान पर भी उनकी अच्छी पकड़ है।

बता दें कि अली अहमद जलाली का जन्म अफगानिस्तान में नहीं बल्कि अमेरिका में हुआ था। वे 1987 से अमेरिका के नागरिक थे और मैरीलैंड में रहते थे। बाद में साल 2003 में उनकी अफगानिस्तान में उस समय वापसी हुई थी जब तालिबान का कहर कम हो रहा था और देश को एक मजबूत सरकार की दरकार थी। उस मुश्किल समय में जलाली को देश का इंटीरियर मिनिस्टर बनाया गया था। वे सितंबर 2005 तक इस पद पर बने रहे थे। इसके अलावा जब अफगानिस्तान में 80 के दशक में  सोवियत संघ संग लंबा युद्ध चला था, तब भी अली अहमद जलाली ने एक सक्रिय भूमिका अदा की थी। उस समय वे अफगान आर्मी में कर्नल के पद पर थे।

अफगान सरकार ने तालिबान के आगे टेके घुटने, सफ़ेद कपड़ों में सेना ने किया सरेंडर

वहीं उस दौर में वे Afghan Resistance Headquarters के लिए शीर्ष सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे थे। ऐसे में मुश्किल समय में हर बार अली अहमद जलाली ने अफगानिस्तान के लिए निर्णायक काम किया है।

अब तालिबान की बढ़ती ताकत के बीच भी उनसे इसी भूमिका की फिर उम्मीद की जा रही है। ऐसे चर्चे जरूर हैं कि इस नई अंतरिम सरकार में तालिबान की जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप रह सकती है, लेकिन अभी के लिए अफगानिस्तान के पास कोई और विकल्प नहीं है और जलाली पर भरोसा करना उनकी मजबूरी भी है और उम्मीद भी।

वैसे अली अहमद जलाली से लोगों की उम्मीद इसलिए भी बंध सकती है क्योंकि जब वे देश के इंटीरियर मंत्री हुआ करते थे, तब उनकी तरफ से अफगान नेशनल पुलिस की पूरी एक फौज खड़ी कर दी गई थी। उस फौज में करीब 50 हजार जवानों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा सीमा पुलिस के भी 12 हजार अतिरिक्त सैनिक तैयार किए गए थे।

काबुल में बिना गोलीबारी के हुआ तालिबान का कब्जा, सत्ता हस्तांरण के लिए वार्ता जारी

आतंकवाद से लेकर घुसपैठ तक, कई ऐसे पहलू रहे थे जिन पर जलाली की रणनीति स्पष्ट भी थी और एकदम सख्त भी। इसके अलावा 2004 के राष्ट्रपति चुनाव करवाने में और 2005 में संसदीय चुनाव कराने में जलाली बड़ी भूमिका अदा कर गए थे। ऐसे में अब जब उन्हें अंतरिम सरकार की बागडोर सौंपी जा रही है तो उनके सामने पहाड़ जैसी चुनौती है। अब वे कैसे और कितनी जल्दी अफगानिस्तान को इस दशहत से मुक्त करते हैं, ये देखने वाली बात रहेगी।

Tags: Afghanistanafghanistan crisisali ahmad jalalikabulTalibanTaliban capture Afghantaliban in kabul todaytaliban kabultaliban kabul newstaliban newsWorld Hindi NewsWorld News in Hindi
Previous Post

अफगान पर तालिबान का कब्जा, अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने जलाए दस्तावेज़

Next Post

चार महीने बाद कल से फिर गुलजार होंगे स्कूल, दो शिफ्टों में चलेंगी क्लास

Writer D

Writer D

Related Posts

South Africa won the ICC trophy after 27 years
खेल

साउथ अफ्रीका ने WTC जीतकर रचा इतिहास… 27 साल का सूखा हुआ समाप्त

14/06/2025
Ahmedabad Plane Crash
Main Slider

Ahmedabad Plane Crash: अब तक नौ पीड़ितों का डीएनए हुआ मैच

14/06/2025
अंतर्राष्ट्रीय

चीन में चक्रवाती तूफान ‘वुटिप’ का कहर, हजारों बेघर, उड़ानें रद्द

14/06/2025
CM Dhami
Main Slider

CM Dhami ने ITBP के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

14/06/2025
NEET UG
Main Slider

NTA ने जारी किया नीट यूजी 2025 रिजल्ट, ऐसे चेक करें अपना स्कोरबोर्ड

14/06/2025
Next Post
Fight

चार महीने बाद कल से फिर गुलजार होंगे स्कूल, दो शिफ्टों में चलेंगी क्लास

यह भी पढ़ें

Mukhtar Ansari

जेल में बंद मुख्तार अंसारी की बढ़ी मुश्किलें, ED करेगी पूछताछ

13/07/2021
STF raid

शराब फैक्ट्री पर STF का छापा, करोड़ों के राजस्व की चोरी करने का पर्दाफाश

04/03/2021

3 अगस्त को आखिरी सोमवार के दिन जरूर करें ये काम

02/08/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version