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विमान हादसा : असुरक्षित है कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे-10, एक्सपर्ट ने 2011 में दी थी चेतावनी

विमान हादसा

असुरक्षित है कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे-10, एक्सपर्ट ने 2011 में दी थी चेतावनी

नई दिल्ली। केरल के कोझिकोड में एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार को भारी बारिश के बीच लैंडिंग के दौरान हवाईपट्टी पर फिसलने के बाद खाई में जा गिरा। गिरने के बाद विमान दो हिस्सों में टूट गया और उसमें सवार 18 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मुख्य पायलट कैप्टन दीपक साठे और उनके सह-पायलट अखिलेश कुमार भी शामिल हैं।

एक विशेषज्ञ ने 2011 में यह कहते हुए चेतावनी दी थी कि कोझिकोड के करीपुर एयरपोर्ट का रनवे नंबर 10 असुरक्षित है और इसका उपयोग विशेष रूप से बारिश के मौसम में लैंडिंग के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि शुक्रवार को हुए हादसे से पता चलता है कि उनकी चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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सूत्रों के अनुसार एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘मंगलूरू दुर्घटना के बाद जारी की गई मेरी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया। यह डाउनस्लोप वाला टेबलटॉप रनवे है। रनवे के अंत में बफर जोन अपर्याप्त है। स्थलाकृति को देखते हुए हवाई अड्डे के रनवे के अंत में 240 मीटर का एक बफर होना चाहिए, लेकिन इसमें केवल 90 मीटर बफर जोन है (जिसे डीजीसीए ने मंजूरी दी थी)। इसके अलावा, रनवे के दोनों ओर का स्थान अनिवार्य 100 मीटर के बजाय केवल 75 मीटर का है।’

रनवे पर फिसल कर खाई में जा गिरा विमान (फोटो-PTI)विशेषज्ञ ने कहा कि बारिश के समय टेबलटॉप रनवे पर परिचालन करने को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं है। नागर विमानन सचिव और महानिदेशक नागरिक उड्डयन को 17 जून, 2011 को नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) के अध्यक्ष को लिखे पत्र में विशेषज्ञ ने कहा था, ‘रनवे एंड सेफ्टी एरिया (आरईएसए) की कमी को देखते हुए रनवे 10 एप्रोच को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 240 मीटर के आरईएसए को तुरंत शुरू किया जाना चाहिए और परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए रनवे की लंबाई को कम करना होगा।’

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यदि कोई विमान रनवे के भीतर रुकने में असमर्थ है, तो अंत तक वहां कोई आरईएसए नहीं है। आईएलएस स्थानीयकरण एंटीना को एक ठोस संरचना पर रखा गया है और इसके आगे का क्षेत्र ढलान वाला है।

2011 के पत्र में लिखा है, ‘मंगलूरू में एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटना ने रनवे की स्थिति को सुरक्षित बनाने के लिए एएआई को सचेत किया है। हम सीएएसएसी की प्रारंभिक उप-समूह बैठकों के दौरान आरईएसए का मुद्दा उठा चुके हैं। हमने विशेष रूप से उल्लेख किया था कि आईसीएओ अनुलग्नक 14 के आवश्यक अनुपालन के लिए दोनों रनवे के लिए घोषित दूरी को कम करना होगा।’

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