लखनऊ। राजधानी के चर्चित अजीत सिंह हत्याकाण्ड में बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। लखनऊ पुलिस ने 25 हजार रुपये के इनामी धनंजय की यूपी के कई जिलों के अलावा अन्य कुछ राज्यों में अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति का पूरा ब्यौरा तैयार कर लिया गया।
माना जा रहा है कि शीघ्र ही इन सम्पत्ति पर सरकार का हथौड़ा चलने वाला है। दूसरी तरफ डीसीपी ने इन अवैध सम्पत्तियों की जांच के लिए ईडी व आयकर विभाग को भी पत्र भेजा है। बताया जा रहा है कि ईडी शीघ्र ही इस मामले में जांच शुरू कर देगी।
अजीत सिंह हत्याकाण्ड की जांच में पर्यवेक्षण कर रहे डीसीपी की ओर से जारी सूची में आरोपित की संपत्तियों का जिक्र भी किया गया है। इनमें राजधानी के अलग अलग स्थानों पर छह फ्लैट व मकान, दो फार्म हाउस, गोमतीनगर में लैब, कई अवैध कंपनी, दिल्ली, जौनपुर, वाराणसी, मऊ, फतेहगढ़ व बाराबंकी में कई संपत्ति होने की बात लिखी है। इसके अलावा पेट्रोल पंप, लखनऊ में कई स्टैंड, झारखंड में फार्म हाउस और कई स्थानों पर ईंट भट्ठे होने का दावा किया गया है। पुलिस की ओर से प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को पत्र लिखा गया है। पुलिस का कहना है कि धनंजय और उनके परिवार का आय का मुख्य श्रोत न होने के बावजूद अपराधिक कृत्यों से संपत्ति बनाई गई है, जिसे जब्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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दूसरी तरफ इस हत्याकाण्ड के आरोपी रहे और मुठभेड़ में मारे गए कन्हैया उर्फ गिरधारी की संपत्ति के बारे में भी पुलिस पता लगा रही है। पुलिस का कहना है कि गिरधारी ने अपराधिक कृत्यों के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। आरोपित के कई स्थानों पर ईंट भट्ठे, आजमगढ़ और मऊ में फार्म हाउस, कई फर्जी कंपनियां, शराब के ठेके और कारखाने हैं। पुलिस ने इन संपत्तियों की जांच कर जब्त करने के लिए ईडी और आयकर विभाग से पत्राचार किया है।
उधर, अजीत हत्याकाण्ड में गठित की गयी पुलिस की टीमों ने गुरूवार को भी छापेमारी की लेकिन धन्नंजय सिंह को कुछ पता नहीं पाया है। बुधवार को देर रात धनंजय की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी। पुलिस ने गुडंबा, सुल्तानपुर रोड पर निमार्णाधीन आलीशान घर व जगहों पर दबिश दी थी। पुलिस धनंजय पर इनाम की राशि बढ़ाकर कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
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बताया जा रहा है कि गृह विभाग ने धनंजय की जमानत निरस्त कर उस पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए हाई कोर्ट में नियुक्त सरकारी वकीलों से राय मांगी है। उम्मीद है कि वकीलों की हड़ताल खत्म होने के बाद हाईकोर्ट खुलने पर इसके लिए जरूरी औपचारिक प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हाईकोर्ट से जमानत निरस्त होने की सूरत में धनंजय सिंह की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी और गिरफ्तारी के बाद दोबारा जेल भेजे जाने पर उसे आसानी से जमानत भी नहीं मिल सकेगी।
बताते चलें कि लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक को धमकाकर उससे रंगदारी मांगने के मामले में धनंजय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते वर्ष 27 अगस्त को धनंजय सिंह की अर्जी मंजूर करते हुए सशर्त जमानत दी थी। लखनऊ में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गिरधारी के बयान के आधार पर धनंजय सिंह को आरोपी बनाया गया। बीती रात लखनऊ समेत कई ठिकानों पर छापेमारी कर दो जगहों पर गिरफ्तारी वारंट की नोटिस भी चस्पा की गई थी।