लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर वार किया है। यादव ने ट्वीट करके कहा कि भाजपा सरकार 2014 से ही किसान विरोधी रही है। ‘भूमि अधिग्रहण’ के कुप्रयास के बाद अब भाजपा कृषि-अध्यादेशों के ज़रिये किसानों को बड़े व्यापारियों का मोहताज बनाना चाहती है। भाजपा इन अध्यादेशों को ‘किसानों की आज़ादी’ के जुमले का नाम देकर किसानों को गुलाम बनाना चाहती है।
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इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मांग की है कि सरकार युवाओं, छात्रों, परीक्षार्थियों और अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए समय सीमा निर्धारित करे ।सरकार इसके लिए यूथ चार्टर जारी करे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि युवाओं के गुस्से के तूफान से भारतीय जनता पार्टी के झूठे दावों के तंबू उखड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के लोग युवाओं के आक्रोश से बचने के लिए मुंह छिपाए बैठे हैं।
भाजपा सरकार 2014 से ही किसान विरोधी रही है. ‘भूमि अधिग्रहण’ के कुप्रयास के बाद अब भाजपा कृषि-अध्यादेशों के ज़रिये किसानों को बड़े व्यापारियों का मोहताज बनाना चाहती है.
भाजपा इन अध्यादेशों को ‘किसानों की आज़ादी’ के जुमले का नाम देकर किसानों को गुलाम बनाना चाहती है. #Kisan #Pipli pic.twitter.com/y2AbGb7cvB
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 14, 2020
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अखिलेश ने कहा है कि आज देशभर के युवाओं ने युवा और छात्र विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुटता की थाली पीटकर दिखा दिया है कि देश की आम जनता में भाजपा के खिलाफ आक्रोश है. उन्होंने साथ ही भाजपा को निष्ठुर बताते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक भी आज नैतिक रूप से शर्मिंदा हैं.