लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) अपने कार्यकाल में केवल पांच जिलों में काम करती थी। बाकी 70 जिलों को गुमराह करती थी। सपा भ्रष्टाचार का केंद्र है। सपा गुंडागर्दी, अपराधी, माफियागिरी का एक बड़ा सेंटर बनकर उभरना चाहती है।
सपा को यह पता चल जाना चाहिए कि अब न तो गुंडागर्दी रहेगी और न अपराध और माफियागिरी। भ्रष्टाचार का भी स्थान नहीं रहेगा। वह इसी कोशिश में लगी है, लेकिन जनता सपा का असली चेहरा समझ चुकी है। 2022 का चुनाव तो हम उन्हें हरा ही रहे हैं। इसलिए छापेमारी को चुनाव से जोड़कर 2022 में हार का अभी से बहाना न ढूढ़ें।
इत्र कारोबारियों के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की छापे की कार्रवाई पर अखिलेश यादव ने कन्नौज में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर हमला बोला था। इसका भाजपा ने पलटवार किया। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के बाद अब योगी सरकार के उप मुख्यमंत्री मौर्य ने हमला बोला है। भाजपा की तरफ से जारी एक वीडिया में मौर्य ने कहा कि सपा बौखलाई हुई है। मैं अखिलेश यादव से कहना चाहूंगा कि अगर आप सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं तो छापे की कार्रवाई का स्वागत करना चाहिए।
केशव मौर्य ने कहा कि एक दो जगह नहीं बल्कि कई जगहों पर जांच एजेंसियों की छापेमारी चल रही है। कानपुर से लेकर दिल्ली तक छापे पड़े हैं। छापे में कुछ बरामद हुआ है। अभी कुछ घंटे ही बीते हैं। आज जिनके ठिकाने पर छापेमारी हो रही, वह सपा के एमएलसी हैं, इत्र कारोबारी हैं। उनकी स्वयं की कम्पनी है। मुझे लगता है कि अखिलेश को पता चल चुका है कि 2022 में उनकी दाल गलनी नहीं है, वह 2027 की तैयारी कर रहे हैं लेकिन 22 हो या 27, उत्तर प्रदेश की जनता कमल के साथ ही रहेगी।
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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक अखिलेश द्वारा जांच एजेंसियों पर सवाल उठाने की बात है तो इससे लगता है कि सपा का इस प्रकार के घोटाले, घपले, भारी भरकम रकम मिलने की घटना से कुछ रिश्ता है। अखिलेश ने अगर मुख्यमंत्री रहते हुए कुछ काम किया होता तो वह 2014 के लोकसभा चुनाव में नहीं हारते। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी नहीं हारते। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा का गठबंधन हुआ। फिर भी चुनाव हारे। प्रदेश की जनता ने भाजपा का साथ दिया।