किसान बिल, किसानों की फसल के समर्थन मूल्य, विकास के मुद्दे व कानून व्यवस्था पर उन्होंने खूब कोसा। पिछले दिनों सपा के आंदोलन व अपने ऊपर बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप पर कहा कि किसान केवल अपनी फसल का समर्थन मूल्य मांग रहे हैं।
जिसको लेकर उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। खुद अपने बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप के मामले में कहा कि बगल में मंत्रियों का घर, पीछे थाना और तमाम अन्य वीआईपी लोगों के घर होने के चलते वहां से नहीं निकाल सकते थे। सामने बैरिकेडिंग से ही जा सकते थे लेकिन इसके बाद भी उनको आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया। जगह जगह हर जिलों में सपाइयों को घर से नहीं निकलने दिया गया, आधी रात को भोर में गिरफ्तार कर लिया गया, किसान केवल समर्थन मूल्य मांग रहे हैं।
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ऑनलाइन पर्ची के मुद्दे पर भी उन्होंने घेरा और कहा कि किस किसान के घर पर छाई है वह जरा बताएं हमें। सपा किसानों का पूरा समर्थन कर रही है इस कारण उत्पीड़न किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने चुटकी ली कि बीजेपी सरकार के किसान कौन है तो उस दौरान पब्लिक से आवाज आई अडानी और अंबानी जिस पर अखिलेश ने कहा कि वह अपने मुंह से नहीं बोलना चाहते थे जिसको लोगों ने बोल दिया। अखिलेश लगातार बीजेपी पर हमलावर रहे उन्होंने कहा कि सपा हमेशा किसानों की पार्टी रही है इसलिए किसानों के आंदोलन में उनके साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।
वही कोविड-19 की रोकथाम को लेकर वैक्सीन के मैनेजमेंट पर भी उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा तमाम देशों में पूरी तैयारियां कर ली गई है लेकिन यहां पर अभी कुछ नहीं तैयारी की गई है। केवल हवा हवाई बातें बनाई जा रही है। वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति है। बीजेपी खुद गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है।
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हैदराबाद का चुनाव हो या बिहार के चुनाव बीजेपी सरकार भीड़ इकट्ठा करने में लगी रही। बहुत दिनों से अपने आजमगढ़ न आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में अगर वह यहां आते तो उन पर सवाल खड़े किए जाते। वह खुद मास्क लगाते हैं लोगों से मास्क लगाने की अपील भी करते हैं। लेकिन यहां भीड़ में जोश के चलते लोग इसका पालन नहीं कर पाते हैं। इसलिए वह लगातार समर्थकों से भी अपील करते रहते हैं। आजमगढ़ में हवाई पट्टी 4 किलोमीटर की होने के बाद भी भाजपा पर उसको पूरा न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी वाले जानते हैं कि यहां का विकास होगा तो सपाई ही यहां उतरेंगे।
वही पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर कहा कि उन्होंने इसका शिलान्यास किया था। लेकिन इसके बाद भी झूठ बता कर प्रधानमंत्री से शिलान्यास कराया गया। एक नामी कंपनी को ठेका दिया गया था जिसने बीजेपी के ही सरकार की पहल पर स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया लेकिन उसको हटा दिया गया और सपा पर तमाम आरोप लगाए गए।
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आज क्या स्थिति है आज भी सड़क नहीं बन पाई है भाजपा केवल झूठ बोलने की मशीन बन गई है। इस दौरान नारा भी लगा कि 56 इंच का सीना है झूठ बोलकर जीना है जिस पर अखिलेश ने शाबाशी भी दी।
प्रदेश में मानवाधिकार उल्लंघन हिरासत में मौत समेत कानून व्यवस्था को लेकर भी उन्होंने कई सवाल खड़ा किए इसके अलावा जमीन की पैमाइश व मुख्यमंत्री के आवास का नक्शा न पास होने को लेकर भी सवाल खड़े किए।