लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा सरकार सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। साथ ही खेती को अमीरों के हाथों गिरवी करने के लिए शोषणकारी विधेयक लायी है।
श्री यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार का विधेयक खेतों से किसानों का मालिकाना हक छीनने का षडयंत्र है। इससे एमएसपी सुनिश्चित करने वाली मंडियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वह अपनी ही जमीन पर मजदूर बन कर रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया बिल किसानों के साथ बड़ी साजिश है। कृषि और किसान ही होता है जो कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था सम्हालता था लेकिन अब खेती पर बड़े उद्योगपतियों की नजर है जिससे किसान मजदूर बन कर रह जाएगा। किसानों की खेती बर्बाद हो जाएगी।
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भाजपा सरकार जब से सत्ता में आयी है, उसने अपनी नीतियों और कार्यों से किसान को त्रस्त कर रखा है। अभी धान की फसल में यूरिया और अन्य उर्वरक डालने के लिए किसान मारा-मारा फिर रहा था। यूरिया की जमकर कालाबाजारी हुई। किसान को मंहगे दामों पर यूरिया खरीदनी पड़ी। गन्ना किसानों की परेशानी जस की तस है। नया पेराई सत्र आने वाला है, लेकिन पिछले सत्र का 15 हजार करोड़ रूपया बकाया है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार चुप्पी साध लेती है। सरकार और मिल मालिकों की सांठ-गांठ से गन्ना किसान संकट में है। इसी तरह से भाजपा नौजवानों को लगातार धोखा दे रही है। भाजपा ने चुनाव के समय नौकरियों के नाम पर युवाओं से कितना झूठ बोला यह अब पता चल रहा है। नौजवान, किसान तथा आम आदमी भाजपा की धोखे की राजनीति को समझ रहा है।
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उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश और देश में मंहगाई आसमान छू रही है। कोरोना काल में जबकि हर व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लोगों की जेब खाली है। ऐसे में खाने-पीने की चीजों व सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने जनता के सामने नया संकट पैदा कर दिया है। भाजपा की नीतियां लोक कल्याणकारी नहीं है।