समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को किसानों का झूठा हमदर्द बताते हुये उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यह वही लोग हैं जिन्होंने अपने शासनकाल में किसानों के गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान नहीं किया था और अब सरकार पर अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं।
श्री सिंह ने मंगलवार को कहा कि श्री यादव महामारी के दौर में किसानों का हितैषी बनते हुए ओछी राजनीति कर रहें हैं। इनके मंसूबे जनता जानती है और किसान अब सपा नेताओं के झांसे में आने वाले नहीं है। सपा मुखिया द्वारा गेहूं खरीद में भारी अनिमितताओं की सूचनाएं मिलने और किसान क्रय केन्द्रों पर किसानों के गेहूं के लिए धक्के खाने संबंधी बयान पर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज को लेकर किए जा रहे प्रयासों और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार जिले जिले में जा कर कोरोना संक्रमित लोगों से मिलना सपा नेता को शायद भा नहीं रहा है। इसी लिए वह लगातार झूठे और जनता को भ्रमित करने वाले आरोप प्रदेश सरकार पर लगा रहें हैं।
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यही कारण है कि पहले तो अखिलेश ने वैक्सीन को भाजपा का बताया और इसके बारे में दुष्प्रचार किया। फिर उन्होंने वैक्सिनेशन के लिए नीति की बात की। इसके बाद उन्होंने वैक्सीन मुफ्त लगाने की बात कही। क्या अखिलेश को मालूम नही है कि 45 वर्ष से ऊपर का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त है और 18 से 44 आयुवर्ग के लिए योगी सरकार मुफ्त लगाने की घोषणा कर चुकी है। और उक्त घोषणा के तहत अब यूपी में लोगों को वैक्सीन लग रही है।
सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि वैक्सीन को लेकर जब सपा नेता का ऐसा दोहरा चरित्र सबके सामने आ गया तो अखिलेश किसानों का हितैषी बनते हुए यह कह रहे हैं कि गेहूं की सरकारी खरीद में घोर लापरवाही है और क्रय केन्द्र बंद होने की आम शिकायतें हैं। जबकि हकीकत यह है कि सूबे में 5617 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद किसानों से हो रही है और 4,48,789 किसानों से 2283643.67 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
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किसानों को 3090.07 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है, शेष भुगतान भी किसानों को जल्द कर दिया जाएगा। इसलिए सपा नेता को तथ्यों की पड़ताल करके ही बयान जारी करना चाहिए। उन्हें गेहूं उत्पादक किसानों का हितैषी बन कर उन्हें भ्रमित नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान नहीं किया था। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आने के बाद गन्ना किसानों को उनके बकाया का भुगतान किया था। इसलिए बेहतर हो सपा नेता किसानों का झूठ -मूठ का हितैषी बनना छोड़ दें।