लखनऊ। योगी सरकार के बजट (Budget) पर नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी (सपा) राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का बजट आंकड़ों का मकड़जाल है। यह बजट नहीं बल्कि बंटवारा है।
उन्होंने कहा, “इस सरकार का कहने को ये बजट छठा है, पर इसमें कुछ बढ़ा नहीं, सब कुछ घटा है।” अखिलेश ने कहा कि इस बजट में जनता से जुड़ी सहूलियतों का कोई जिक्र ही नहीं है, सिर्फ बजट राशि के आवंटन में सरकारी विभागों में पैसे का बंटवारा ही नजर आता है।
नेता प्रतिपक्ष (Akhilesh Yadav) ने कहा कि प्रदेश में विकास सिर्फ आंकड़ों में ही दिख रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि युवा बेरोजगार और महंगाई चरम पर है। सरकार ने पिछले साल अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वर्ष 2022 में किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी। सरकार बताये कि क्या किसानों की आय दोगुनी हुई है। निजी चीनी मिलों में कितना भुगतान हुआ है यह नहीं बताया। यह बजट दिल्ली के बजट से जोड़कर तैयार किया गया है। पिछले पांच साल में लोगों के साथ केवल धोखा हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार में जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। युवाओं के पास रोजगार नहीं हैं। रोजगार केवल आंकड़ों में दिखता है। शहर हो या गांव रोजगार न मिलने पर युवा निराश है। सरकार ने गेहूं, चावल, तेल और चना देने का जिनसे वादा किया था, लेकिन ये सब कहां है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें और ड्रेस का पैसा नहीं मिल पा रहा है।
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उन्हें सही समय से मिड डे मिल नहीं मिल रही है। जो पुरानी सरकार के काम थे वही दिखायी दे रहे हैं। सैनिक स्कूल कोई नया नहीं बना, अगर किसी सैनिक स्कूल के लिए कोई बजट दिया गया है तो बताओ। वहीं पुराने सैनिक स्कूल हैं।
चिकित्सा सुविधाओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार यह दावा करती है कि लाखों लोग लखनऊ के मेडिकल कॉलेज या अन्य मेडिकल कॉलेज में इलाज को जाते हैं। लोग इसलिए आते हैं कि जिले स्तर पर जो अस्पताल होने चाहिये थे वो बर्बाद हो चुके हैं।
कहा कि एनसीआरबी के आकड़े यह दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चियों के साथ घटनाएं हुई। महिला अपराध में यूपी नम्बर वन पर है। जिस सरकार ने लैपटॉपट में धोखा दिया हो, स्मार्ट फोन में धोखा दिया हो उससे क्या उम्मीद करेंगे।