लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कहा कि अध्यादेश का विरोध 2024 का सेमी फाइनल है। विपक्ष इस अध्यादेश को वापस कराने में सफल रहा तो 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने में देर नहीं लगेगी। वह बुधवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकतंत्र के खिलाफ है। भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखकर डर गई है। इसलिए यह अध्यादेश लाई है। हम केजरीवाल सरकार का समर्थन करते हैं और राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे। हमारे सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के साथ हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व अन्य नेता दोपहर करीब तीन बजे के बाद सपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव सहित अन्य नेताओं के साथ मंत्रणा की। दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा। सपा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भरोसा दिया कि समाजवादी पार्टी उनके साथ है। करीब 40 मिनट की मंत्रणा के बाद प्रेस कांफ्रेंस में सपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सांसद इस अध्यादेश का विरोध करेंगे। इस अध्यादेश की सोच लोकतंत्र विरोधी है।
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अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की नीतियों की मुखालफत करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों ने संघर्ष करके वोट डाला। वर्ष 2015 में सरकार बनी। भाजपा को नागवार लगा। उसने सरकार की शक्तियां छीन ली। वह नौकरशाही पर लगाम लगाने, अफसरों के स्थानांतरण और तैनाती के अधिकार नहीं देना चाहती है। लेकिन काम के दम पर दोबारा सरकार बनी। आठ साल की लड़ाई के बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया कि शक्तियां चुनी हुई सरकार के पास होनी चाहिए, लेकिन 19 मई को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया।11 मई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला दिया और आठ दिन बाद 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार अध्यादेश ले लाई। साजिश इस तरह रची गई कि दोबारा कोर्ट न जा पाएं। क्योंकि उसी समय कोर्ट बंद हो रहा था। केजरीवाल ने कहा कि हम छुट्टी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। फिर अदालत जाएंगे।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में भाजपा के पास बहुंमत है, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष की सभी पार्टिंयां मिलकर इस अध्यादेश को गिरा सकती है। यदि यह अध्यादेश गिरा तो 2024 में भाजपा का सफाया तय है। क्योंकि इस अध्यादेश के जरिए विपक्ष अपनी ताकत दिखाएगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सभी दलों के लोगों से अध्यादेश के मुद्दे पर बातचीत चल रही है। समूचा विपक्ष एक है। लोकसभा चुनाव पर भी जल्द ही बात की जाएगी। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह, दिल्ली की शिक्षा मंत्री सुश्री आतिशी, सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ मनोज पाण्डेय आदि मौजूद रहे।