लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में आज से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) की शुरुआत हो रही है। तीन दिन तक चलने वाले इस समिट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया। वहीं, विपक्ष ने इसे शो ऑफ बताया है। इसके साथ ही आरोप लगाया कि राज्य सरकार एक कमरे से चल रही कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर रही है।
एजेंसी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav ) ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश को विकास के बजाय विनाश की ओर ले जा रही है। जनता को ठगने और दिखावे के लिए उद्योगपतियों से एमओयू साइन किए जा रहे हैं। ये सरकार ऐसी कंपनियों से एमओयू साइन कर रही है, जो एक ही कमरे में चल रही हैं।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav ) ने कहा कि पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान 5 लाख करोड़ रुपये के MoU साइन करने का दावा किया था, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सूट-टाई में किसी के भी साथ एमओयू कर रही है, क्योंकि इसके लिए पैसे की जरूरत नहीं है।
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कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जनता के पैसे का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है। समिट के लिए इन्वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। अखिलेश सिंह ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ये कौन सी एजेंसियां हैं, इन्हें कैसे नियुक्त किया गया और इन्हें कितना भुगतान किया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी तरह का एक सम्मेलन फरवरी 2018 में लखनऊ में आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 4।28 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए 1,045 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि इनमें से केवल 371 कंपनियां यहां ‘भूमि पूजन’ के लिए आईं, जिनमें से केवल 106 या कुल का नौ प्रतिशत व्यावसायिक रूप से काम करने में सक्षम हैं।