कानपुर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सोमवार को कानपुर देहात में बलवंत सिंह (Balwant Singh) के परिजनों से मिलने जाएंगे। उसके बाद कानपुर जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) से मिलने कानपुर शहर जाएंगे। कानपुर में वह जेल में विधायक और उनके भाई से मुलाकात करके एक कार्यकर्ता के घर जाएंगे वहां से लखनऊ लौट जाएंगे।
बता दें कि पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत सिंह (Balwabt Singh) की पत्नी शालिनी सिंह ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को पत्र लिखा था। पत्र लिखकर उन्होंने अखिलेश को कानपुर आने की गुहार लगाई थी। जिस वजह से अखिलेश यादव ने कानपुर दौरे का प्रोग्राम बनाया। पत्र में शालिनी ने लिखा आपसे हाथ जोड़कर न्याय दिलाने का निवेदन किया। उन्होंने बताया कि मेरे पति को पुलिस हिरासत में बड़ी बेहरैमी के साथ मार दिया गया। मृतक की पत्नी ने अखिलेश यादव को घर आने का भी निमंत्रण दिया।
बलवंत सिंह के शरीर पर पाए गए 22 चोटों के निशान
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में लूट के शक में उठाए गए व्यापारी बलवंत सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत का मौत हो गई थी। मृतक बलवंत सिंह के शरीर पर सिर से लेकर पैर तक 22 से ज्यादा चोट के निशान पाए गए। उसके शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जहां पर चोट के निशान नहीं पाए गए। हाथ बांधकर पीटने से कलाइयों में घाव के निशान मिले। दरअसल, 6 दिसंबर की रात में मृतक बलवंत सिंह के चाचा चंद्रभान सिंह के साथ बाइक सवार तीन बदमाशों ने आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर तमंचे के बल पर उनसे रुपए की लूट की थी।
चंद्रभान ने लूट का मुकदमा शिवली थाने में दर्ज कराया था। पुलिस उसकी जांच कर रही थी। जांच में पुलिस ने गांव के 3 लोगों को उठाया था। इनसे पूछताछ में पुलिस ने बलवंत का नाम सामने आने की जानकारी दी थी। इसके बाद बलवंत को पुलिस ने उठाया। पुलिस की तरफ से बताया गया था कि बलवंत जब खुद चलकर थाने आया तो उसके सीने में दर्द होने लगा, इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस स्टेशन पर हुआ आतंकी हमला, 4 जवानों की मौत
वहीं मृतक बलवंत के परिजनों का आरोप था कि बलवंत गांव के ही राम राठौर के साथ अपनी पिकप गाड़ी से 12 दिसंबर को चोकर लेने रनिया गया हुआ था, तभी उसको पुलिस टीम ने उठा लिया और रनिया थाने ले जाकर इस कदर पिटाई की कि उसकी मौत हो गई और दो दिन से राम राठौर भी गायब था। एसपी सुनीति ने बलवंत की हार्ट अटैक से मौत होने की बात कही तो परिजनों ने हंगामा करते हुए शव को पोस्टमार्टम से बाहर निकाल कर शरीर पर चोट के निशान को देखा तो भड़क गए।
पुलिस कस्टडी में ही हुई बलवंत की मौत
परिजनों ने पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाया और शव का पोस्टमार्टम कानपुर नगर में कराने की मांग की थी। 13 दिसंबर की रात में शव का पोस्टमार्टम जब कानपुर में हुआ तो परिजनों का आरोप सच साबित हुआ। बलवंत के शरीर पर 22 से अधिक चोटों के निशान मिले। मृतक के दोनों हाथों की कलाइयों पर निशान, पैर के तलवों से लेकर घुटनों तक, कमर के नीचे और पीठ पर लाठियों के निशान मिले। डॉक्टरों मे चर्चा थी कि मृतक की तड़प तड़प कर मौत हुई है।