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चुनावों में मिली हार से चिंतित है ‘नेताजी’, अखिलेश संग करेंगे बैठक

मैनपुरी। विधानसभा और विधानपरिषद दोनों ही चुनावों में समाजवादी पार्टी (SP) को बड़ी हार मिली है। पार्टी के अंदर समीक्षा का दौर चल रहा है। मैनपुरी में आज अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके पिता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) के बीच बैठक होने जा रही है। जाहिर है, इसमें हार के कारणों और संगठन मजबूत करने को लेकर चर्चा होगी।

बीते दिनों शिवपाल यादव और आजम खान परिवार की अखिलेश यादव से खटास की खबरें आईं थीं। इसे लेकर भी पिता-पुत्र में बात होगी।

मैनपुरी में विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक पिता-पुत्र के बीच यह दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान करहल में आयोजित जनसभा में अखिलेश यादव के समर्थन में मुलायम सिंह प्रचार करने पहुंचे थे। करहल विधानसभा क्षेत्र में यादवों के दो गुटों मतभेद सामने आए थे। इसलिए यह जरूरी माना जा रहा था कि अगर नेताजी आएंगे तो मनमुटाव दूर कर लिया जाएगा। ऐसा हुआ भी, अखिलेश यादव को भारी मतों से जीत मिली थी।

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के सांसद हैं और उनके पुत्र अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अभी हाल ही में अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा से अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव के दौरान मुलायम सिंह यादव अपने पुत्र अखिलेश यादव के लिए वोट मांगने आए थे। इसके बाद वह गुरुवार को मैनपुरी आ रहे हैं।

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मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं और मैनपुरी से सांसद। स्वास्थ्य कारणों के चलते मुलायम सिंह यादव जिले को कम समय दे पाए। लगातार हार से वो काफी चिंतित हैं। इसलिए उन्होंने मीटिंग बुलाई है। 12.30 बजे अखिलेश यादव मैनपुरी सपा कार्यालय पहुंचेंगे। वह लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर भी बात करेंगे और कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरेंगे। मुलायम सिंह लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। बुधवार को वह पुराने समाजवादी नेताओं से मुलाकात करने के लिए इटावा पहुंचे थे।

इटावा, मैनपुरी, कन्‍नौज को मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, लेकिन विधानसभा चुनाव और एमएलसी चुनाव में इस गढ़ में भी सपा का जनाधार खिसकता नजर आया है। इससे चिंतित मुलायम अब पुराने कार्यकर्ताओं को सहेजने और बेटे अखिलेश को पार्टी में नई जान फूंकने के गुर सिखाने में जुट गए हैं।

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एमएलसी की 36 सीटों पर हुए चुनाव में 33 सीटें भाजपा ने जीती हैं। 6 सीटों पर हुए चुनाव में 9 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध घोषित हो चुके थे। 27 सीटों पर हुए चुनाव में से 24 पर भाजपा और तीन सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की।

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