लखनऊ। रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार के बाद आज अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बड़ा ऐक्शन लिया है। अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। समाजवादी पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी को भंग किया गया है।
हाल ही में हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा में तगड़ा झटका लगा है। रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की। यह दोनों ही सीटें सपा की गढ़ मानी जाती थीं। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने उपचुनाव में सपा और अखिलेश यादव के ‘एमवाई’ (मुस्लिम-यादव) फैक्टर को तार-तार कर दिया है। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मस्लिमों ने एकमुश्त होकर सपा को वोट किया था।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय,राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 3, 2022
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस साल यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद रामपुर और आजमगढ़ जैसे पार्टी के बड़े गढ़ों को लोकसभा उपचुनाव में गंवा देने के बाद पहली बार बड़ा ऐक्शन लिया है। बता दें कि अखिलेश ने यूपी विधानसभा चुनाव में सत्ता से दूर रह जाने के बाद भी 111 सीटों पर मिली जीत को उपलब्धि के रूप में पेश किया।
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उन्होंने सपा को मिले वोटों के आधार पर हार स्वीकार नहीं की। लेकिन आजमगढ़ और रामपुर में मिली करारी हार के बाद उनके इस बड़े ऐक्शन को सपा में आने वाले दिनों में बड़ी तैयारी शुरू होने के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि अखिलेश अब पार्टी में हर स्तर पर जवाबदेही तय करने और टीम को नए सिरे से मजबूत बनाने में जुट गए हैं।
पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में भी जुट गए हैं। वह पार्टी की इकाइयों को भंग करने के बाद नए सिरे से गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे। संगठनात्मक चुनाव भी कराए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि इससे पार्टी को निचले स्तर पर सक्रिय करने में मदद मिलेगी।