जीवन में पुष्य फल सदैव अक्षय बने रहे इसके लिए अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन भगवान विष्णु और मो लक्ष्मी की आराधना बहुत पुनीत होता है। अक्षय का अर्थ है कि जिसका कभी क्षय न हो, या जो कभी नष्ट न हो। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पर्व मनाया जाता है।
देश के कई राज्यों में अक्षय तृतीया के पर्व को अबूझ मुहूर्त और आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करना शुभ होता है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि 10 मई शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर कई राजयोग
अक्षय तृतीया के दिन गजकेसरी योग और धन योग बन रहे हैं। दरअसल, अक्षय तृतीया पर सूर्य और शुक्र की मेष राशि में युति हो रही है, जिससे शुक्र आदित्य योग बन रहा है।
इसके साथ ही मीन राशि में मंगल और बुध की युति से धन योग, शनि के मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होने से शश योग और मंगल के अपनी उच्च राशि मीन में रहकर मालव्य राजयोग बना रहे हैं। इसके अलावा वृषभ राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है।