तेल अवीव। इजराइल में समाचार चैनल अल जजीरा (Al Jazeera) के कार्यालय बंद होंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने इजराइल में कतर के स्वामित्व वाले प्रसारक अल जजीरा के कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया है।
यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है, जब कतर गाजा में युद्ध को लेकर इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते में मदद कर रहा है। नेतन्याहू ने एक्स पर इस फैसले की घोषणा की। यह फैसला कब प्रभावी होगा इस बारे में पता नहीं चल पाया है। नेतन्याहू ने पोस्ट में कहा, मेरी सरकार ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि भड़काऊ चैनल अल जजीरा इजराइल में बंद हो जाएगा। कतर की राजधानी दोहा स्थित अल जजीरा (Al Jazeera) के मुख्यालय से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अल जजीरा (Al Jazeera) की अरबी सेवा के एक संवाददाता ने कहा कि इस आदेश से इजराइल और पूर्वी यरुशलम में चैनल के कामकाज पर असर पड़ेगा। अल जजीरा सात अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से लगातार युद्ध की खबरें प्रसारित करता रहा है। संवाददाता ने कहा कि इससे फलस्तीनी क्षेत्रों में अल जजीरा के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अल जजीरा के अंग्रेजी चैनल पर एक अन्य संवाददाता ने कहा कि इस आदेश ने चैनल को इजराइल में कार्यालय खुला रखने या उन्हें संचालित करने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि अल जजीरा की वेबसाइट ब्लॉक कर दी जाएंगी। हालांकि, रविवार दोपहर तक यरुशलम में उन तक पहुंच जारी थी।
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इजराइल की मीडिया ने कहा कि सरकार के फैसले के अनुसार चैनल को देश में 45 दिन के लिए संचालन से रोक दिया जाएगा। इजराइल के संचार मंत्री श्लोमो करही ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि चैनल के उपकरण जब्त कर लिए जाएंगे। इस फैसले से कतर के साथ इजराइल के तनाव बढ़ने का खतरा है। यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है, जब कतर सरकार मिस्र और अमेरिका के साथ गाजा में युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इजराइल का अल जजीरा के साथ लंबे समय से खराब रिश्ता रहा है और वह उस पर पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। लगभग दो साल पहले संबंध और खराब हो गए थे, जब कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजराइली सैन्य हमले के दौरान अल जजीरा के संवाददाता शिरीन अबू अकलेह की हत्या कर दी गई थी। इजराइल-हमास के युद्ध के दौरान इजराइल और चैनल के बीच संबंध में और ज्यादा तनाव पैदा हो गया।