गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित सभी के खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अब तक दो हत्या आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वहीं मामले में मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद सभी की बर्खास्तगी करने की तैयारी शुरू हो गई है। एसपी नॉर्थ की जांच रिपोर्ट का आधार बनाते हुए एसएसपी ने बर्खास्त करने की फाइल आगे बढ़ा दी है।
हत्या का मुकदमा दर्ज होने से पहले एसएसपी ने चेकिंग के दौरान लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद मनीष की पत्नी मीनाक्षी की मांग प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझा और जांच एसआईटी को सौंपी। एसआईटी पिछले 10 दिनों से गोरखपुर में डेरा डाले हुए है और हर पहलू की जांच कर रही है।
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एसआईटी के डीआईजी आनंद प्रकाश तिवारी की 5 सदस्य टीम 2 अक्टूबर से गोरखपुर में कैंप कर रही है और हॉस्पिटल से लेकर होटल से लेकर पुलिस थाने तक हर पहलू की जांच कर रही है। मामला सीबीआई जांच को भी सिफारिश की गई है लेकिन सीबीआई ने अभी तक केस अपने हाथ में नहीं लिया है। 2 अक्टूबर को अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी की अगुवाई में एसआईटी गोरखपुर पहुंची थी। जांच में हत्या कर साक्ष्य मिटाने के प्रमाण मिलने पर आरोपितों को फरार घोषित किया गया था। साथ ही साथ उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश तेज कर दी गई है। कई जगह दबिश भी दी गई। रविवार को जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा गिरफ्तार कर लिए गए थे, वहीं चार आरोपी अभी भी फरार हैं।