पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने मुकदमा वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। उन्होंने 6 मार्च को सीजीएम न्यायालय द्वारा मुकदमा वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा कि वह और उनका परिवार जीवन भर मुख्यमंत्री के आभारी रहेंगे। मुकदमा वापस लेने संबंध में जारी की गई पत्रावली।
प्रदेश के पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी का खौफ था। सत्ता में उस वक्त मुलायम सिंह थे। कथित तौर पर मुख्तर अंसारी को उनका भी संरक्षण था. कोई उसके खिलाफ कुछ भी करने की हिम्मत नहीं करता था। उस समय एसटीएफ में एक डिप्टी एसपी थे शैलेंद्र सिंह, जिन्होंने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाई। उन्हें जानकारी मिली कि सेना से एक भगौड़ा एक लाइट मशीन गन लेकर भागा है और उस मशीन गन को मुख्तार अंसारी खरीद रहा है।
लाइट मशीन गन को बिक्री की जानकारी मिलने पर इस डिप्टी एसपी ने मुख्तार और सेना के उस भगौड़े का फोन सर्विलांस पर लगवा दिया। कार्रवाई के दौरान भगौड़ा पकड़ लिया गया। मशीन गन भी बरामद कर ली गई।
यह जेल बनेगी बाहुबली मुख्तार अंसारी का नया ठिकाना, यूपी लाने की तैयारी पूरी
इसके बाद डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ पोटा के तहत मुकदमा लिख दिया। मगर, ये बहादुरी ही शैलेंद्र के लिए घातक साबित हुई। सत्ता के दबाव में शैलेंद्र न तो मुख्तार को गिरफ्तार कर पाए और न ही कोई अन्य कार्रवाई कर सके। उन पर इतना दबाव पड़ा कि आखिर में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
अपने ऊपर सत्ता के पड़े दबाव के बारे में शैलेंद्र अकसर बोलते रहे हैं। आईपीएस अमिताभ ठाकुर और मुलायम सिंह के बीच एक धमकी देने वाला टेप जारी हुआ था। उस वक्त शैलेंद्र ने कहा था कि आज जो कुछ अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हो रहा है, वह सब मैं भी झेल चुका हूं। समाजवादी सरकार की कार्यशैली शुरू से ऐसी रही है। मुलायम सिंह और उनके सुपुत्र अखिलेश की सरकार की कार्यशैली में कोई परिवर्तन नहीं है।
पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद शैलेंद्र सिंह राजनीति में आ गए। वह वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चंदौली से लोकसभा का चुनाव लड़े। वो रहने वाले भी चंदौली के ही हैं। चुनाव में उनको 1 लाख से ज्यादा वोट मिले। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले शैलेंद्र सिंह में भाजपा में शामिल हो गए।