राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में सभी वर्गों की अहम भूमिका रही है और सभी के सहयोग से कोरोना संक्रमण को काबू में रखने में सफलता मिली है।
श्री गहलोत ने आज मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से कोविड-19 महामारी को लेकर अब तक उठाए गये कदमों पर चर्चा की। उन्होंने सभी दलों के नेताओं एवं स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, विभिन्न दलों के नेताओं, एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धर्मगुरूओं, भामाशाहों एवं कोरोना वॉरियर्स की मदद से राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने में काफी हद तक सफल रही है, साथ ही कोरोना से मृत्युदर भी न्यूनतम रही है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में लोगों का जीवन बचाने और उनकी आजीविका बचाने में पूरा प्रदेश एकजुट रहा एवं सभी का सहयोग मिला। आगे भी कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई सभी मिलकर लड़ेंगे।
बाहुबली अतीक अहमद के करीबियों पर कार्रवाई, अवैध भवनों पर चला बुलडोजर
श्री गहलाेत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना प्रबंधन काफी अच्छा रहा है। महामारी नियंत्रण के विभिन्न मापदंडों पर अन्य राज्यों के मुकाबले हम काफी बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जनप्रतिनिधियों, आमजन एवं विभिन्न संगठनों की ओर से बढ़ते हुए संक्रमण पर चिंता जाहिर की गयी है। कुछ राज्यों ने सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन लगाया था, लेकिन भारत सरकार का कहना है कि सप्ताह में दो दिन का लॉकडाउन संक्रमण रोकने के लिए उपयोगी नहीं है। लंबा लॉकडाउन लगने से रोजमर्रा के काम कर आजीविका चलाने वालों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ है। संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के 11 शहरों में धारा 144 लागू कर पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई है।
बड़े तीर्थ पुरोहित के मकान हो रही थी अश्लील फिल्म की शूटिंग, सीसीटीवी से खुला राज
वीसी के दौरान जनप्रतिनिधियों के कई महत्वपूर्ण सुझाव आए। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से करवाने, मास्क को अनिवार्य करने तथा समाज के प्रभावी लोगों को जागरूकता अभियान से जोड़ने के संबंध में सुझाव दिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्रभावी जागरूकता अभियान चलाने एवं निजी अस्पतालों को उचित दरों पर इलाज करने के लिए पाबंद करने के संबंध में सुझाव दिए। बीटीपी के अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने जनजाति बहुल क्षेत्रों में कोरोना को लेकर जागरूकता पैदा करने में सामाजिक संगठनों को साथ लेने तथा लॉकडाउन के दौरान आए प्रवासियों के लिए रोजगार की समुचित व्यवस्था करने संबंधी सुझाव दिए। सीपीएम के बलवान पूनियां ने कोविड सेन्टर्स में भर्ती मरीजों को काउंसलिंग सुविधा उपलब्ध कराने, सीपीआई के डी.के. छंगाणी एवं नरेन्द्र आचार्य ने लोगों में भय का माहौल दूर करने के लिए मोहल्ला समितियों के सहयोग से जागरूकता फैलाने का सुझाव दिया। आरएलपी के विधायक पुखराज गर्ग सहित अन्य नेताओं ने भी सुझाव दिए।