नई दिल्ली| विदेशी बाजारों में सुधार के रुख के बीच त्योहारों के मौसम में कारोबारियों के साथ साथ फुटकर मांग बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों, मूंगफली सहित सभी तेल तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। सोयाबीन और पाम तेल कीमतें भी सुधार दर्शाती बंद हुई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सर्दी का मौसम शुरु होने के साथ सरसों के अलावा मूंगफली, सोयाबीन की मांग के साथ पाम एवं पामोलीन की व्यावसायिक मांग बढ़ी है। सोयाबीन डीगम के अलावा कच्चे पाम और पामोलीन में इस मांग वृद्धि का कारण बाकी देशी तेलों के मुकाबले इनका काफी सस्ता होना है।
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उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में बृहस्पतिवार को 3.5 प्रतिशत की तेजी रही, जिससे पाम और पामोलीन के भाव में पर्याप्त सुधार दर्ज किया गया। त्यौहारों के चलते इसकी व्यावसायिक मांग भी बढ़ी है। गुजरात के राजकोट की मंडियों में कल 20,000 बोरी मूंगफली की आवक हुई थी जो बृहस्पतिवार को घटकर 6,000 बोरी रह गई। जाड़े के मौसम में भुनी मूंगफली की मांग भी अधिक रहती है। मांग बढ़ने और बाजार में आव़क कम रहने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज किया गया।
उत्तर भारत में सरसों की, उसमें भी विशेषकर कच्ची घानी तेल की अच्छी मांग है। मांग ज्यादा होने से सरसों दाना सहित इसके तेल में भी सुधार देखने को मिला। सूत्रों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पॉम तेल आयात पर शुल्क 80 प्रतिशत तक कर दिया गया था, लेकिन आज यह काफी कम है।