उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अधिकारियों से सभी आवश्यक तैयारियां समय पूर्ण करने के साथ निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लाण्ट 15 अगस्त तक क्रियाशील करने को कहा है।
राज्य के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आज वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ आहूत बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की गई। इस मौके उन्होंने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुये सभी आवश्यक तैयारियां समयबद्ध ढंग से पूर्ण करा ली जाये। जिला में ऑक्सीजन प्लाण्ट पहुंचने से पूर्व ही सभी सिविल वर्क एवं फाउण्डेशन का कार्य पूर्ण कर लिया जाये, ताकि सभी निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लाण्ट आगामी 15 अगस्त तक क्रियाशील हो जायें। जिले जिलो में ऑक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना की प्रगति धीमी है, उनके जिलाधिकारी सम्बन्धित वेण्डरों के साथ बैठक कर निर्माण कार्यों में गति लायें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल काॅलेजों में जो भी पीकू वार्ड तैयार किये गये हैं, उनकी मैनपावर, ट्रेनिंग, प्लानिंग आदि की समीक्षा कर उन्हें 10 जुलाई तक कार्यशील कर दिया जाये। जिन चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल काॅलेज में पद रिक्त चल रहे हैं, उन पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन एक सप्ताह के अन्दर सम्बन्धित चयन आयोग/भर्ती बोर्ड को भेज दिया जाये। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जुलाई के तीसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में जनजागरूकता अभियान चलाया जाये। इस अभियान के दौरान जिन पात्र लाभार्थियों का कार्ड नहीं बना है, उनके कार्ड भी बनवाये जायें।
डिप्टी CM दिनेश शर्मा ने कहा- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं
बैठक में बताया गया कि साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत 37 में से 20 साॅलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लाण्ट स्थापित हो चुके हैं, 17 अवशेष रह गये हैं। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि अवशेष 17 साॅलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लाण्ट की स्थापना में भूमि सम्बन्धित प्रकरणों का निस्तारण कर निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराया जाये। जल जीवन मिशन के तहत 10,000 ग्रामों में टैप कनेक्शन के कार्य की जनपदवार प्रतिदिन समीक्षा कर इस कार्य में आने वाली भूमि एवं अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाये।
उन्होंने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत छोटे विक्रेताओं एवं स्ट्रीट वेण्डर्स को अपना व्यवसाय पुनः शुरू करने के लिए ऋण उपलब्ध कराने में तेजी लायी जाये, ताकि उत्तर प्रदेश देश में पुनः प्रथम स्थान प्राप्त कर सके। इसके अतिरिक्त ‘मै भी डिजिटल’ अभियान के तहत छोटे विक्रेताओं एवं स्ट्रीट वेण्डर्स को डिजिटल माध्यम से भुगतान प्राप्त करने तथा थोक विक्रेताओं को भुगतान करने हेतु सक्षम बनाया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि अर्बन मोबिलिटी मिशन के अन्तर्गत 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेंगी, जिनमें से 200 बसें आगामी 15 सितम्बर से लखनऊ, कानपुर, झांसी एवं इसके पूर्व के शहरों में संचालित की जायेंगी तथा अन्य जिलो में 31 अक्टूबर के बाद बड़ी मात्रा में बसें लांच की जायेंगी। अतः चार्जिंग स्टेशन बनाने का कार्य बसों के संचालन से पूर्व प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाये। जिन नये शहरों-मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर एवं शाहजहांपुर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रारम्भ किया जा रहा है, उनमें सिटी बस सर्विसेज के तहत मण्डलायुक्तों की अध्यक्षता में एसपीवी के गठन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जाये।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्मार्ट सिटी, ओडीएफ प्लस एवं अमृत योजना की समीक्षा की गयी तथा धीमी प्रगति वाले जनपदों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास डाॅ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।