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किसानों के हित में लाए गए तीनों ही विधेयक क्रांतिकारी हैं : पूनियां

डाॅ. सतीश पूनियां

डाॅ. सतीश पूनियां

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा है कि हाल ही में संसद में किसानों के हित में लाये गये तीनों विधेयक क्रांतिकारी हैं।

डा. पूनियां ने आज जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार पिछले दिनों तीन बिल लोकसभा में लाई, जो किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलने वाले हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल, किसान उत्पाद व्यापार और व्यवसाय बिल, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों संसद में किसानों से सम्बन्धित तीन विधेयक पारित किए गए जो किसानों के हित में हैं।

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डाॅ. पूनियां ने कहा कि देश के किसानों की दिशा और दशा सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिये। श्री मोदी देश के सभी वर्गों की दिशा और दशा सुधारने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीनों बिल किसानों की भलाई के लिए हैं, लेकिन कांग्रेस का सदन में विरोध करना उसके दोहरे चरित्र को दिखाता है। हर चीज में राजनीति करना यह कांग्रेस की आदत हो गई है।

डा़ पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य था, है और रहेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य का अस्तित्व रहेगा और भविष्य में देखेंगे कि किसानों के उत्पाद के दाम तेजी से बढ़ने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी घोषणा पत्र में किसानों के कृषि सुधारों की बात करती है, दूसरी तरफ उन्ही सुधारों का विरोध करती है, किसानों को बरगलाती है, झूठ बोलती और देश को गुमराह करती है। मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीनों विधेयक दूरदृष्टि वाले हैं, किसानों को सुविधाएं देने का बहुत अच्छा प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसान अपनी फसल को आसानी से कहीं भी बेच सकें और अपने द्वारा निर्धारित दामों पर बेच सकें।

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उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का दूसरा बिल काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग की सभी बाधाओं को दूर करने का है, तीसरा बिल ठेके पर खेती को लेकर जो विरोधाभास था उसको स्पष्ट करता है। जो किसान की जमीन पर निवेश करेगा, लेकिन जमीन पर मालिकाना हक किसान ही रहेगा। जो ठेकेदार और किसान के बीच में जो करार होगा, वह उत्पादित आधारित होगा, जमीन आधारित नहीं होगा। उत्पादत आधारित कीमत, बोनस और वैरियेबल्स तय होंगे। लिहाजा ये तीनों ही विधेयक किसान को तरक्की, मजबूती और ताकत देने वाले हैं।

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